कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।बज्मे सुखन के तत्वावधान में बसखारी स्थित जलालपुर रोड पर "एक शाम शालीमार के नाम" मुशायरा सिराज खान की अध्यक्षता,कुमैल सिद्दीकी के संरक्षण तथा सितारे उर्दू एवार्ड से सम्मानित मोहम्मद शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान के संचालन में हुए प्रोग्राम का आगाज सै.इरफान अशरफ की नाते पाक से हुआ।पीएच चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष दबीर अहमद एडवोकेट ने कहा कि मुशायरों से उर्दू अदब को फरोग मिलता है, और देश भक्ति व भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है। विशिष्ट अतिथि सै. इरफान अशरफ ने कहा कि उर्दू ने जंगे आजादी में योगदान दिया है।शिक्षक मोहम्मद असलम खान ने कहा कि उर्दू शायरी दिलों पर राज करती है।इसमें जिंदगी के सभी रंग मौजूद हैं।कुमैल सिद्दीकी ने कहा कि अवाम को शेर-ओ- शायरी से हमेशा दिलचस्पी रही है।कुमैल सिद्दीकी व हकीम इरफान आजमी ने मेहमानों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।सईद टाण्डवी ने शेर पढ़ा कि सफर मे निकलो तो मां की दुआएँ ले के सईद,कसम खुदा की कभी भी न हादसा होगा।इन्साफ टाण्डवी ने कहा मुझे भी पता है कि रोना पडे़गा,लबों पर तबस्सुम सजाने से पहले।चांदनी मुस्कान मुम्बई ने कहा इस तरह आपको आजमाऊंगी मैं,गैर को देखकर मुस्कुराऊंगी मैं।डा. दस्तगीर अहमद टांडवी ने कहा मुझको जिस शख्स से मुहब्बत है,वह निहायत ही खूबसूरत है।कमर जीलानी टांडवी ने कहा उखड़ न जाए कहीं सब्र के शजर भी कमर,हवाए जुल्म की रफ्तार बेतहाशा है।कुमैल सिद्दीकी डोंडवी ने कहा इश्क को इतना भी आसान न समझा जाए,राह में कांटें हैं गुलदान न समझा जाए।हकीम इरफान आजमी ने कहा जिकरे महबूब सरेआम किया हो तो बता,किसी महफिल मे तेरा नाम लिया हो तो बता।शगुफ्ता लखनवी ने कहा चमन से एक गुजारिश के गुलाब आए,मेरी निगाह ए मोहब्बत का इन्तेख़ाब आए।इस अवसर पर इश्तियाक एडवोकेट,मातूफ अहमद, आबिद सिद्दीकी,नेता जावेद सिद्दीकी ,गुलाम रहमानी व अन्य मौजूद रहे।