अंबेडकर नगर जिले में बढ़ रहे लव जिहाद के मामले आ जाने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए पुलिस कप्तान महोदय
पूरे जिले के अपराधों को यदि कर दिया जाए सार्वजनिक तो पुलिस कप्तान को मिल जाएगा अपराध की दुनिया का अवॉर्ड
कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।अंबेडकर नगर जिले में आए दिन हो रही घटनाओं से अंबेडकर नगर जिला बदनाम हो रहा है। इस बदनामी में कहीं ना कहीं पुलिस अधीक्षक केशव कुमार के ऊपर दाग लगाने का काम कर रहा है। यह बदनामी छोटी-मोटी नहीं है। इस जिले की भोली भाली बालिकाओं के साथ अंतर्जातीय विवाह के अलावा अंबेडकर नगर जिले में सक्रिय लव जिहाद का मामला सामने आ रहा है।
बीते शनिवार को दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित खबर ने पुलिस अधीक्षक केशव कुमार के अनुशासन पर धब्बा लगा दिया है। आनन फानन में उन्होंने कुछ पत्रकारों को एकत्र कर अपनी उपलब्धियां का बखान किया। उन्होंने बताया कि अखबार में प्रकाशित खबर एकदम झूठ है।
सिर्फ एक महीने में जिले से 56 लड़कियों के अपहरण की घटनाएं सामने आई हैं। यह अपहरण जैसी घटना में अधिकतर पीड़िताएं कमजोर और पिछड़े वर्ग से आती हैं। यह जिले के कुल 18 थानों में मुकदमे दर्ज हुए हैं लेकिन कई मामलों में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।मालीपुर ठन क्षेत्र का मामला तो और भी चौंकाने वाला है –
यहां एक किशोरी को अपहरण के बाद मतांतरण कराया गया और निकाह पढ़वा दिया गया।
शिकायत के बाद आरोपी गिरफ्तार हुआ है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की धीमी कार्रवाई से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने मांग की है कि बेटियों की सुरक्षा के लिए पुलिस कड़ी कार्रवाई करे। अंबेडकरनगर में बेटियों पर बढ़ते खतरे ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।"
इन आंकड़ों के इतर कुछ और भी आंकड़े थानों में हैं। थानों पर मुकदमा दर्ज नहीं करते हैं। मुकदमा दर्ज करवाने के लिए आए दिन लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा पंजीकृत करने का मांग कर रहे हैं लेकिन फाइलें इधर से उधर घूम रही हैं इन पर कभी भी पुलिस अधीक्षक महोदय का नजर नहीं पड़ती हैं । उनके कार्यालय से कितने प्रार्थना पत्र संबंधित थानों पर गए और उन पर क्या कार्रवाई किए। यदि यह सारे आंकड़े सार्वजनिक कर दिए जाए तो अंबेडकर नगर जिले के पुलिस कप्तान को अपराध की दुनिया में हैट्रिक मिल जाने की संभावना है।
अंबेडकर नगर जिले में थानों की हाल इस कदर हो गई है कि थानों पर अब लोग अपना दर्द बताने के लिए थानों पर जाने से डरने लगे हैं। इसके पीछे वजह यह है कि प्रत्येक व्यक्ति से थानों पर छोटे-छोटे काम के लिए पैसे की मांग की जाती है। थानों पर बढ़ती रुपए की मांग से आदमी की कमर को तोड़ दिया है। जिसके कारण वह मार खाने के बाद भी थानों पर जाने से डरने लगे हैं। थानों पर पीड़ित से ज्यादा दलालों का कब्जा बना हुआ है। हाल ही में राजेसुल्तानपुर, जहागीरगंज, आलापुर, बसखारी में नवागत थाना अध्यक्ष आने के उपरांत जिस कदर से दलालों ने गुलदस्ता और अंग वस्त्र देकर थाना अध्यक्ष को सम्मानित किया है। उससे लोग थानों पर जाने से डरने लगे हैं। इन थानों पर पीड़ित से ज्यादा दलालों का कब्जा बना हुआ है। पुलिस कप्तान महोदय को इन थाना अध्यक्षों पर नकेल कसने की जरूरत है।