देवल संवाददाता, आजमगढ़ । जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में ‘समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ अभियान के अंतर्गत दो दिवसीय फीडबैक बैठक आयोजित की गई। इसमें शासन द्वारा नामित प्रबुद्धजन, जनपद स्तरीय अधिकारी तथा विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य प्रधानमंत्री जी की विकसित भारत @2047 पहल को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए जनपद स्तर पर योजनाओं, सुझावों और क्रियान्वयन का खाका तैयार करना था।
जनभागीदारी से बनेगा उज्ज्वल भविष्य – हर नागरिक का सुझाव महत्वपूर्ण
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप जनपद के प्रत्येक नागरिक से सुझाव लेकर एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। इसमें अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति जैसे तीन प्रमुख विषयों तथा 12 सेक्टर – कृषि, पशुपालन, औद्योगिक विकास, आईटी, पर्यटन, नगर व ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा एवं सुशासन – पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नागरिकों को जागरूक कर पोर्टल और सूचना सेतु एप पर ऑनलाइन फीडबैक देने की सुविधा दी जा रही है।
कृषि क्षेत्र की संभावनाएँ – तकनीक से उत्पादन में वृद्धि
बैठक में प्रबुद्धजनों ने बताया कि जनपद में मिलेट्स की खेती तो होती है, लेकिन प्रोसेसिंग यूनिट न होने से प्रगति सीमित है। जिलाधिकारी ने कृषि अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मृदा परीक्षण की सुविधा केवल जनपद स्तर पर उपलब्ध होने की समस्या भी उठाई गई। उप कृषि निदेशक को ब्लॉक स्तर पर यूनिट स्थापित करने हेतु शासन से पत्राचार करने को कहा गया।
फूड प्रोसेसिंग और उद्यमिता को बढ़ावा
जिलाधिकारी ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग उद्योग लगाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए और सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी से लोगों को जागरूक करें। निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से सिंगल विंडो सिस्टम से निवेशकों को ऑनलाइन एनओसी प्रदान की जा रही है। उद्योग बंधु की बैठक में समस्याओं को साझा कर समाधान किया जाए। ओडीओपी योजना के तहत मुबारकपुर की साड़ी के प्रचार हेतु ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा।
स्वावलंबन की दिशा में कदम – स्वयं सहायता समूह और योजनाएँ
स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने की योजना साझा की गई। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत 18 ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर रु0 15,000 का किट और ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ब्लैक पॉटरी के उत्पादकों को लोन सुविधा दी जा रही है। मत्स्य पालकों के लिए किसान क्रेडिट योजना लागू है, उन्हें प्रशिक्षण और बाजार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
डिजिटल सुविधाओं से जोड़ें हर गाँव को
डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा लगभग 300 ग्राम पंचायतों में शुरू की जा रही है। पोर्टल के माध्यम से योजनाओं का लाभ देने में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि प्रबुद्धजनों से मिले सुझावों पर तुरंत काम शुरू करें।
हर वर्ग की भागीदारी, जागरूकता ही विकास की कुंजी
मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना ने बताया कि यह अभियान जनमानस में जागरूकता बढ़ाने, लोगों की आकांक्षाओं को समझने और उन्हें विकास प्रक्रिया में शामिल करने के लिए चलाया जा रहा है। कोई भी नागरिक – विद्यार्थी, शिक्षक, किसान, व्यापारी, उद्यमी, मीडिया या स्वयंसेवी संगठन – पोर्टल और क्यूआर कोड के माध्यम से अपने सुझाव दे सकता है। प्रत्येक परिवार से कम से कम एक फीडबैक प्राप्त करना लक्ष्य है।
कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 अखिलेश यादव ने कहा कि कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई तकनीकों, उर्वरकों और सिंचाई के तरीकों पर ध्यान देना होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तुलना में उत्पादन में अंतर को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाएंगी। सभी विभागों को अपने क्षेत्र से उपयोगी सुझाव एकत्र कर साझा करने को कहा गया।
पर्यटन क्षेत्र को मिले नई पहचान
सेवानिवृत्त प्रोफेसर आचार्य विक्रम देव ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक और पौराणिक स्थलों को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने गौ संरक्षण के साथ कृषि क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर भी जोर दिया।
संभावनाओं का दोहन, सभी विभागों का समन्वय आवश्यक
इंजीनियर आरिफ मोहम्मद खान ने सभी विभागों से अधिक से अधिक सुझाव लेकर कार्य करने को कहा ताकि जनपद में संभावनाओं का पूरा लाभ लिया जा सके।
रोजगार और व्यापार को नई दिशा
सेवानिवृत्त मुख्य विकास अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि व्यापार और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। व्यापारियों से मिले सुझाव मुख्यमंत्री तक पहुंचाए जाएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने पर काम किया जाएगा।
विद्युत और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
बैठक में बिजली व्यवस्था सुधारने, उपभोक्ताओं के बिल समाधान, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और गन्ना, मत्स्य तथा अन्य विभागों की योजनाओं की समीक्षा करने पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सेवानिवृत्त अधिकारी तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर वर्ष 2047 तक जनपद और प्रदेश को विकसित बनाने का संकल्प दोहराया।