आमिर, देवल ब्यूरो ,जौनपुर। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उनमें बैर, इर्ष्या, द्वेष आदि बुराइयां नहीं होती। आज के बच्चे आने वाले अच्छे समाज की नींव के पत्थर हैं जो आगे चलकर सुदृढ़ तथा ऊंच-नीच की भावना से उठकर स्वच्छ समाज का निर्माण करने में सक्षम होंगे। आप चाहे तो उन्हें प्यार, मिल बर्तन, भाईचारा आदि अच्छी भावनाएं सीखाकर एक अच्छा नागरिक और इंसान बना सकते हैं। संस्कारवान बच्चे ही देश व समाज का भविष्य उज्जवल बनाते हैं। उक्त उद्गार नगर के मड़ियाहूं पड़ाव पर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन के प्रांगण में जोन स्तरीय निरंकारी बाल समागम पर उपस्थित विशाल संत समूह को सम्बोधित करते हुए आगरा से आये विद्वान संत अमन महेन्द्रु केन्द्रीय ज्ञान प्रचारक ने व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज बच्चों और युवाओं को श्रेष्ठ संस्कार दे रही हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी न केवल अपने परिवार का, बल्कि अपने देश का भी नाम रोशन करें। युवा, बच्चे, सद्गुरु से ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर आध्यात्म को अपनाएं। बच्चे और युवा अपने माता-पिता तथा बड़ों का चरण स्पर्श कर सम्मान किया करें। घर परिवार में प्रेम हो, सत्कार हो, यही व्यावहारिक सीख निरंकारी मिशन दे रहा है। समागम में बच्चों को आध्यात्म के माध्यम से आधुनिक टेक्नोलॉजी का सदुपयोग करने और बुरी आदतों से दूर रहने के टिप्स दिये गये। बाल समागम का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को आध्यात्म की ओर प्रेरित करना है।उन्होंने आगे कहा कि जब बच्चे सत्संग में आते हैं तो रहने का तरीका बदल जाता है। आज संत निरंकारी मिशन बच्चों के मानसिक, शारीरिक, नैतिक गुणों के साथ आध्यात्मिक चेतना के विकास पर भी निरंतर बल देता आ रहा है। मिशन के अन्तर्गत बच्चों को शुरू से ही बाल संगतों के माध्यम से उनके अन्दर व्याप्त गुणों को उजागर किया जाता है जिससे वे होनहार बालक बन सके। देश भर में निरंकारी यूथ एवं बाल समागम का आयोजन किया जा रहा है। बच्चे हमारे देश के भविष्य होते हैं और समाज की रीढ़ होते हैं। अगर इन बच्चों को सही मार्गदर्शन और सही संस्कार देना आज से ही शुरू कर दिया जाय तो यह बच्चे ही देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं और समाज का स्वरूप सुंदर और सकारात्मक बना सकते हैं।
बच्चों और युवाओं ने गीत, भजन, कविताएं, लघु नाटक आदि के साथ प्रेरक विचार व्यक्त कर निरंकार प्रभु और सत्संग से जुड़े रहने की सीख दी। श्यामलाल साहू संयोजक ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुये सभी संतों का आभार जताया। इस अवसर पर तमाम ब्रांचों के मुखी महात्मा, क्षेत्रीय संचालक, संयोजक, संचालक, शिक्षक आदि उपस्थित रहे। इस बाल समागम में निरंकारी बाल प्रदर्शनी भी लगायी गयी जिसमें बहुत ही सुंदर ढंग से मिशन के संदेशों को उजागर किया गया।