देवल संवाददाता, मऊ। फेफड़े में असमान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित रुप से बढ़ने पर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस मुख्य कारण धुम्रपान,सिगार,पाइप,वायु प्रदूषण है। लगातार खांसी,खांसी में खून आना,वजन घटना,थकान,हड्डियों में दर्द,सांस लेने में तकलीफ होना इसके शुरुआती लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इससे बचने के लिए धूम्रपान एवं मदिरा सेवन को तुरंत छोड़ देना चाहिए। प्रसिद्व चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने यह बातें शुक्रवार को विश्व लंग्स कैंसर दिवस के अवसर पर कही। शारदा नारायण हास्पिटल में आयोजित जन जागरुकता कार्यक्रम में वह बोल रहे थे।चेस्ट फिजिशियन डॉ शमशाद ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर चिकित्सा के लिए सर्जरी, कीमोथिरेपी,विकिरण चिकित्सा एवं इम्यूनोथिरेपी सम्मिलित है। एक्स रे, सीटी स्कैन,बायोप्सी के माध्यम से जांच के बाद इसकी चिकित्सा की जाती है। विलंब करना घातक होता है। फिजियोथिरेपिस्ट डॉ देवेश चतुर्वेदी,डॉ दीक्षा सिंह ने अपना विचार व्यक्त किया।