देवल, ब्यूरो चीफ, सोनभद्र। नय सृजित विकास खण्ड कोन के ग्राम पंचायत कचनरया में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कचनरया को दान में मिली जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत पर जांच शुरू हो गई। सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत के बाद एसीएमओ डा पीके राय ने शिकायतकर्ता सरोज देवी व विश्वजीत श्रीवास्तव से कचनरवा पीएचसी पर मुलाकात कर समस्याएं सुनी। इस दौरान शिकायतकर्ता विश्वजीत ने मौके पर बाउंड्रीवॉल का निर्माण पूरे हॉस्पिटल की जमीन पर न कराने की दशा में संपूर्ण जमीन खाली कराने की मांग किया है। एसीएमओ ने बताया कि शिकायत के क्रम में पीएचसी कचनरवा गया था। जहां शिकायतकर्ता से बात कर संतुष्ट कर उन्हें संबंधित विभाग से सम्पर्क करने के लिए सुझाव दिया पर उन्होंने इस बात पर जरूर जोर दिया कि भूमि संबंधित प्रकरण पर विभाग का कोई वास्ता नहीं है। यह मामला राजस्व विभाग का है और उन्होंने बाउंड्रीवॉल निर्माण संबंधी जानकारी से अनभिज्ञाता जाहिर करते हुए कहा कि फिलहाल अभी बस हास्पिटल के बाहर सड़क निर्माण का मामला सामने आया है, जिस पर कार्य होना है। जिसमें विभाग का इसमें कोई सरोकार नहीं है। हॉस्पिटल के बाहर सड़क निर्माण का कार्य होना है, जिस पर शिकायतकर्ता अपनी सहमति व्यक्त किया है। जिसके क्रम में सरोज देवी व विश्वजीत श्रीवास्तव ने राजस्व विभाग की मिलीभगत व संबंधित विभाग की उदासीनता का आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल की संपूर्ण जमीन को स्वास्थ्य विभाग अपने
कब्जे में लेकर बॉउंड्रीवॉल की निर्माण कराने की मांग की है, अन्यथा कि स्थिति में हॉस्पिटल की पूरी जमीन वापस की जाए। बताते चलें कि कचनरवा क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए कुछ वर्ष पूर्व स्वास्थ्य विभाग की अपील पर स्थानीय निवासी उदय लाल श्रीवास्तव व सीताराम ने संयुक्त रूप से हॉस्पिटल निर्माण के लिए वर्ष 1997 में पांच बीघा जमीन हॉस्पिटल बनाने के लिए राज्यपाल के नाम दान पत्र लिखा था. जिसमें उदय ने डेढ़ बीघा जमीन पर हॉस्पिटल बनकर संचालित है। वहीं, सीताराम ने साढे तीन बीघा जमीन कैम्पस सहित अन्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सुरक्षित रखा गया था, जिस पर हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही व राजस्व विभाग के द्वारा राजस्व रिकार्ड हॉस्पिटल का नाम न दर्ज करके जनहित के विपरीत कार्य किया है। जहां हॉस्पिटल की करोड़ों रुपए की भूमि चंद लोगों के नाम कर दिया गया, जहां लोगों द्वारा मकाम तक बना लिया गया है जोकि अब दानदाताओं सहित स्थानीय लोगों के लिए गले का फांस बन गया है। जिसके क्रम में दानदाता उदय लाल श्रीवास्तव की पत्नी सरोज देवी का आरोप है कि हॉस्पिटल की सम्पूर्ण भूमि को हॉस्पिटल प्रबंधन तत्काल अपने कब्जे में ले या फिर मेरी जमीन वापस दिलाया जाए।