देवल संवाददाता, सदानंद गोड़,मऊ।जनपद मुख्यालय के बलिया मोड़ के सुंदर नगर कॉलोनी में स्थित बड़ादेव अस्पताल पर शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में जुटे आदिवासी समाज के लोगों ने वीरांगना महारानी दुर्गावती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।इस दौरान अखिल भारतवर्षीय गोंङ महासभा के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार गोंङ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मूलनिवासी (आदिवासी) समुदाय को मूल मालिक की संज्ञा दी है। भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए अनुसूचित जनजाति शब्द का उपयोग किया गया है। प्रकृति प्रेमी और अपनी अहिंसक प्रवृत्ति तथा विशेष संस्कृति के लिए प्रसिद्ध यह समुदाय आज भी तमाम परेशानियों से जूझ रहा है।इस लिए सरकार को इन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। केदारनाथ गोंङ ने कहा कि जनपद में खास तौर से गोंङ जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति का जाति का प्रमाण पत्र जारी करने में की जा रही हीलाहवाली बहुत दुखद है। कार्यक्रम में रामजीत गोंङ,रमाकांत गोंङ,यशवंत गोंङ,सोनी गोंङ (महिला अध्यक्ष),पूनम गोंङ, उर्मिला,डॉक्टर शिवमुनि गोंङ,डॉक्टर गरिमा गोंङ,डॉक्टर राजेंद्र गोंङ,सदानंद गोंङ चंद्रसेन,सुरेश,पप्पू,भूपेंद्र गोंङ यशवन्त गोंङ सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।