देवल संवाददाता, लखनऊ।'अंतरिक्ष में जल्द ही भारत का अपना एक स्पेस स्टेशन होगा। हमें ऐसी तकनीक और तंत्र विकसित करना होगा, जो बिजली गिरने से पहले ही सटीक जानकारी दे सके। इससे वज्रपात की वजह से प्रदेश में सालाना हो रहीं औसतन 300 मौतों पर रोक लग सकेगी'।
ये बातें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी. नारायणन ने राजधानी लखनऊ स्थित रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर में सोमवार को कहीं। वह योजना भवन के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद बोल रहे थे।
कार्यक्रम अध्यक्ष के तौर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के लगभग सभी विभागों, मुख्य रूप से कृषि, सिंचाई, लोक निर्माण, ग्रामीण विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, वन और पर्यावरण, खनन, आवास और शहरी नियोजन, पंचायती राज, राजस्व, सामाजिक विकास एवं आपदा प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी की भूमिका और जिम्मेदारियां समय के साथ और महत्वपूर्ण हो रही हैं।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पंधारी यादव, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, एडीजी नवीन कुमार, सचिव शहरी विकास अनुज झा, आरएसएसी के निदेशक शीलधर सिंह यादव, विभागाध्यक्ष डॉ. सुधाकर शुक्ला, ईडीपीओ-इसरो के निदेशक डॉ. जेवी थॉमस मौजूद रहे।