देवल, ब्यूरो चीफ, सोनभद्र। जिला स्तरीय उद्योग बंधु की बैठक सोमवार को विकास भवन के सभागार में हुई। जिला विकास अधिकारी हेमंत कुमार सिंह की अध्यक्षता में व्यापारियों की समस्याएं सुनी गई। उपायुक्त उद्योग विनोद चौधरी ने समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा कि यदि कोई व्यापारी किसी व्यक्तिगत परेशानियों की वजह से जीएसटी रिटर्न समय से दाखिल नहीं कर पा रहा है तो उसे धारा 46 के तहत नोटिस भेज दी जाती है, जिसमें 15 दोनों का समय दिया जाता है। 15 दिनों के अंदर ही धारा 125 के तहत 25 हजार रूपए का जुर्माना लगा दिया जाता है। जबकि यह अधिकतम सीमा है, यानि अधिकारी उचित कारणों को जानकर यह धनराशि कम कर सकता हैं। कहा कि जब व्यापारी समय से रिटर्न न भरने की वजह से लेट फीस एवं ब्याज का भुगतान कर रहा है, उस दशा में अर्थ दंड लगाया जाना कहीं से न्याय संगत नहीं है। उपरोक्त के संदर्भ में उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि मेसर्स राठौर बिल्डिंग मैटेरियल बनाम कमिश्नर आफ स्टेट टैक्स के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी घटना में अलग से दंड का प्रावधान नहीं है तो मामले में सामान्य दंड लागू नहीं किया जा सकता। वर्तमान मामले में 50000 की सामान्य दंड राशि निरस्त की जाती है। उन्होंने व्यापारियों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि जिला मुख्यालय के रावर्ट्सगंज नगर में कुल 194 ट्रांसफार्मरों में से 62 असुरक्षित हैं। बरसात में सब कुछ राम भरोसे चल रहा है। नगर के अति व्यस्ततम धर्मशाला चौक पर टेढ़े खंबे पर 400 केबीए का ट्रांसफार्मर किसी तरह टिका है। कचहरी तिराहा, नवीन मंडी समिति एवं मछली गली के मोड़ पर लगे ट्रांसफार्मर में भी कोई सुरक्षा घेरा नहीं है। जबकि जमीन से लगभग 2 फीट की ऊंचाई पर लगे ट्रांसफार्मर खतरे को दावत दे रहे हैं। एक वर्ष पूर्व ओवर हीटिंग के चलते इसमें आग भी लग चुकी है। उन्होंने कहा कि वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर सर्विस लेन की बदहाली लंबे समय से बनी हुई है। पिछले साल जल निगम की ओर से पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़क खोद दी गई थी, जो काफी विरोध प्रदर्शन के बाद बनाई गई। अब सर्विस लेन की सड़क फिर उखड़ गई है। जबकि दो माह पहले ही इस सड़क की मरम्मत करायी गई थी। उन्होंने जिला विकास अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में गाजियाबाद के बाद सबसे ज्यादा निवेश सोनभद्र में हुआ है। सोनभद्र देश के 112 आकांक्षी जिलों में शामिल है। नीति आयोग ने अति पिछड़े जिले के विकास को गति देने व विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए निर्देश दिए हैं। कार्यालय उपायुक्त उद्योग में सत्रह पद रिक्त है। मगर तैनाती सिर्फ चार पर है।