कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।जिला कारागार में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल की गई। जिलाधिकारी महोदय की प्रेरणा एवं गार्गदर्शन में, जिला कारागार में निरुद्ध महिला बंदियों के कौशल विकास तथा उनके पुनर्वास हेतु सिलाई एवं कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन RSET) (Rural Self Employment Training Institute) के माध्यम से किया जा रहा है।
*कार्यक्रम का उद्देश्य*
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिला बंदियों को हुनरमंद बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है ताकि ये सजा पूरी होने के पश्चात समाज में सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें और रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। यह पहल उनके सामाजिक पुनर्वास में एक सशक्त कदम है।
*प्रशिक्षण की विशेषताएं:-*
*प्रशिक्षण का विषयः-* सिलाई व कढ़ाई जैसे उपयोगी और रोजगारोन्मुखी कौशल।
*प्रशिक्षण अवधिः-* निश्चित समयावधि में चरणबद्ध रूप से व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण संस्था RSETI के कुशल प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
*लाभार्थी- * कारागार में निरुद्ध महिलाएं, जिन्होंने इस प्रशिक्षण में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की।
*शुभारंभ कार्यक्रम की झलकियाँ-*
प्रशिक्षण का उद्घाटन एक औपचारिक समारोह के साथ किया गया, जिसमें जिला प्रशासन, जेल प्रशासन एवं RSETI के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। जिलाधिकारी महोदय ने अपने संदेश में कहा कि 'यह प्रयास केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि महिला बंदियों के भविष्य को दिशा देने की एक कोशिश है। यदि हम उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर दें, तो वे भी समाज की मुख्यधारा में वापस लौटकर आत्मनिर्भर नागरिक बन सकती है।"
जेल अधीक्षक ने भी इस पहल के लिए जिलाधिकारी महोदय का आभार व्यक्त किया और बताया कि भविष्य में ऐसे और भी प्रशिक्षण कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने की योजना है।
*संभावित प्रभावः-*
महिला बंदियों के आत्म सम्मान एवं आत्म-विश्वास में वृद्धि, रिहाई के पश्चात स्वरोजगार या लघु व्यवसाय आरंभ करने में मदद।, समाज में पुनः सम्मिलित होने में सहायता, कारागार के भीतर एक सकारात्मक एवं उत्पादक वातावरण का निर्माण। यह पहल न केवल महिला बंदियों के जीवन में नया परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है, बल्कि यह समाज में पुनर्वास और पुनर्रचना की दिशा में एक प्रेरणास्पद उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।