देवल संवाददाता, मऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय पर दर्ज हुए मुकदमे को लेकर राज्यभर में पार्टी कार्यकर्ताओं का आक्रोश फूट पड़ा है। सोमवार को मऊ जिले के घोसी तहसील मुख्यालय पर बड़ी संख्या में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए "तानाशाही नहीं चलेगी", "लोकतंत्र की हत्या बंद करो" जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला करार दिया और एसडीएम अशोक कुमार सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
सरकार पर गंभीर आरोप: "विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है भाजपा"
प्रदर्शन में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने साफ कहा कि अजय राय पर मुकदमा दर्ज किया जाना महज एक बहाना है,असल मंशा है विपक्ष की तेज होती आवाज को कुचलना। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जब-जब कांग्रेस जनता की समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरती है, तब-तब भाजपा सरकार दमनकारी कार्रवाई करती है।कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव ने कहा,कि “प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर मुकदमा दर्ज कर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती। अब कांग्रेस का हर कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने को तैयार है।”
ज्ञापन में रखी गईं प्रमुख मांगें:
1. अजय राय पर दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए।
2. राजनीतिक बदले की भावना से हो रही कार्रवाइयों पर रोक लगे।
3. विपक्ष की आवाज उठाने वालों को सुरक्षा और संवैधानिक संरक्षण दिया जाए।
4. लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कड़ा संदेश दिया जाए।
धरने में उमड़ा जनसैलाब, गरजे युवा कांग्रेस कार्यकर्ता
इस विरोध प्रदर्शन में महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस,एनएसयूआई और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। युवाओं ने तख्तियां लेकर सरकार की नीतियों का विरोध किया और कहा कि "यह नया भारत नहीं, नया तानाशाही युग है, जिसे कांग्रेस नहीं चलने देगी।"कांग्रेस नेता सतीश कुमार पाण्डेय ने कहा, “यह आंदोलन सिर्फ अजय राय के समर्थन में नहीं,बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। अगर आज हम चुप रहे,तो कल हर नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में होगी।”
"कांग्रेस कार्यकर्ता डरने वाले नहीं": घोसी से उठी हुंकार
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क से सदन तक संघर्ष करना जानते हैं। यदि यह मुकदमा वापस नहीं लिया गया,तो यह आंदोलन घोसी से लखनऊ तक पहुंचेगा।धरने में मौजूद लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के "संकट" पर चिंता जताई और संकल्प लिया कि जब तक अजय राय को न्याय नहीं मिलता,तब तक संघर्ष जारी रहेगा। प्रदेशभर में उबाल,क्या बढ़ेगा सियासी टकराव?
अजय राय पर कार्रवाई और उस पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है। कांग्रेस इसे सत्ता के अहंकार और लोकतंत्र की हत्या बता रही है,वहीं भाजपा की तरफ से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो यह मामला पूरे प्रदेश में कांग्रेस के लिए एकजुटता और जनआंदोलन का कारण बन सकता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व प्रमुख घोसी जयहिंद यादव,अब्दुल मन्नान खा,ओमप्रकाश ठाकुर,हरिश्चंद्र यादव,रमन पांडेय,शिवाजी कन्नौजिया,धमेंद्र सिंह,अमरीश राय, अरविंद सिंह,रामानंद यादव,रामकरन यादव हफिजुरहमान,सुरेश राजभर,छोटे लाल,फहद कादिर विरेन्द्र कुशवाहा, शाहिद फारूखी,महेंद्र सोनकर,हरिन्द्र यादव,विनोद कुमार,अमृतमल अशोक राय,अभिषेक यादव,दुर्गेश यादव,अनस अंसारी, असलम कन्हैया गोड़,किन्नू सिंह, सहीत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराया।