देवल संवाददाता,आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील दिवस पर एक महिला अपनी जमीन विवाद की फरियाद लेकर अपने गोद में छोटे बच्चे के साथ उप जिलाधिकारी के सामने पहुंची, लेकिन समस्या का समाधान तो दूर, उसे डांटकर थाने भेज दिया गया। दो घंटे तक थाने पर बैठाने के बाद महिला को उसके ससुर के साथ वापस भेज दिया गया।
निजामाबाद थाना क्षेत्र के चंदाभारी गांव की रहने वाली सुनीता अपनी भूमि संबंधी समस्या के निवारण के लिए तहसील और थाने के चक्कर लगा रही है(दैनिक देवल)। शनिवार को तहसील दिवस के अवसर पर वह एक बार फिर उम्मीद लेकर तहसील सभागार पहुंची थी।
गोद में बच्चा लिए सुनीता ने उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अपनी समस्या बतानी शुरू की ही थी कि सभागार में उप जिलाधिकारी ने उसे डांटकर बाहर निकाल दिया और महिला सिपाही के साथ थाने भिजवा दिया। दो घंटे तक सुनीता निजामाबाद थाने पर बैठी रही।
थाना प्रभारी हीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि महिला को थाने में बैठाया गया था। इसके बाद महिला के ससुर को थाने बुलाया गया और दोनों को साथ में घर भेज दिया गया। पीड़िता ने कहा कि वह वर्षों से न्याय की उम्मीद में अधिकारियों की चौखट पर आ रही है, लेकिन उसे अब तक कोई समाधान नहीं मिला है(दैनिक देवल)। आज भी उसे सुना नहीं गया, उल्टा डांटकर थाने भेज दिया गया।
नसब पत्थर उखाड़ने की शिकायत पर डीएम ने दिए जांच के आदेश
तहसील मार्टीनगंज में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर शनिवार को डीएम रविन्द्र कुमार और एसएसपी हेमराज मीना ने जन समस्याओं को सुना। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने 127 फरियादियों की समस्या को सुना और सात का मौके पर निस्तारण किया।
डीएम ने कहा कि सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के बाद पुनः कब्जा होने की शिकायतें गंभीर चिंता का विषय हैं। इसी तरह निजी जमीनों की पैमाइश के बाद पत्थर उखाड़ने की घटनाओं को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई और राजस्व निरीक्षक या नायब तहसीलदार स्तर से जांच कराने और दोषी पाए जाने पर लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि यदि विभागीय गलती नहीं है, तो पत्थर उखाड़ने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही पैमाइश के दौरान सरकारी कार्य में बाधा या दबंगई करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।
उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि किसी के प्रभाव में आकर निर्णय न लें और जमीन संबंधी मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। आईजीआरएस पोर्टल पर कोई भी मामला डिफॉल्टर श्रेणी में नहीं जाना चाहिए और सबसे अधिक शिकायतों वाले गांवों में अधिकारी मौके पर जाकर दोनों पक्षों से बात कर समस्या का समाधान करें।
एसएसपी हेमराज मीना ने भी पुलिस विभाग से संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लेने और समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। इस अवसर पर सीएमओ डॉ. अशोक कुमार, एसडीएम मार्टीनगंज, तहसीलदार मार्टीनगंज, और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।