देवल संवाददाता, लखनऊ।राजधानी के गोमतीनगर स्थित एक होटल में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के तमाम सियासी दलों की बैठक हुई। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा समेत सभी पार्टियां प्रदेश के विकास के लिए ज्यादा फंड दिए जाने की मांग पर एकजुट नजर आईं।
भाजपा समेत सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक व बुनियादी ढांचे से जुड़ी जरूरतें बताईं। भाजपा के प्रतिनिधियों ने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में यूपी की भागीदारी रेखांकित की। वहीं, सपा ने कहा कि यूपी गरीब और पिछड़ा प्रदेश है। इसके विकास के लिए विशेष फंड बनाया जाए। शिक्षामित्रों को कम मानदेय देने का मुद्दा उठाया और शिक्षकों के खाली पद भरने की मांग की। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने आयोग के अध्यक्ष को प्रतिवेदन सौंपा।
राज्यों की हिस्सेदारी 55% की जाए : कांग्रेस
कांग्रेस की तरफ से उपाध्यक्ष-मीडिया मनीष हिंदवी, जनव्यवस्था निस्तारण प्रकोष्ठ के सचिव संजय शर्मा बैठक में शामिल हुए। कांग्रेस ने वित्तीय भार कम करने और वित्तीय स्वायत्तता के लिए राज्यों की हिस्सेदारी 55 फीसदी करने, उपकर व अधिभार को विभाज्य पूल का हिस्सा बनाने, वित्तीय हस्तांतरण के साथ राज्यों को राजकोषीय अनुशासन का पालन करने और स्थानीय निकायों की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की। आम आदमी पार्टी ने दूरदराज के जिलों में एम्स और पीजीआई जैसे उच्चस्तरीय अस्पताल, लखनऊ में मेट्रो लाइन के विस्तार, अयोध्या में मेट्रो, सोलर पैनल सब्सिडी बढ़ाने जैसे सुझाव दिए।
टैक्स और सेस का बड़ा हिस्सा यूपी को मिले : भाजपा
भाजपा की ओर से यूपी सिडको के अध्यक्ष वाईपी सिंह, एमएलसी सुभाष यदुवंश और प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर ने कहा, केंद्र की ओर से आयकर के साथ वसूले जाने वाले सेस का बड़ा हिस्सा यूपी में सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा पर खर्च किया जाना चाहिए। ऐसे सरकारी स्कूलों का निर्माण हो जो निजी स्कूलों को मात दें। प्रदेश में न्यूक्लियर एनर्जी से बिजली उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। हर जिले में उच्च गुणवत्ता वाले हॉस्पिटल की जरूरत भी बताई गई। साथ ही हर घर जल योजना को सफल बनाने के लिए व्यापक जल वितरण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया।