पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में TRF आतंकी संगठन के खिलाफ सबूत पेश करने का फैसला किया है। भारत की मांग है कि इस आतंकी संगठन पर बैन लगाया जाए।
TRF पर बैन लगाने के मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "इस मामले पर वास्तव में भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने साफ तौर पर कहा है पहलगाम हमले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।"
विदेश मंत्री ने भारत-पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई पर कहा कि दुनिया ने देखा कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने के लिए चीनी ड्रोन का इस्तेमाल किया। हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है।
वहीं,जयशंकर ने एक बार फिर अमेरिका को इशारों-इशारों में बता दिया कि कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय है। इस मामले पर किसी भी तीसरे देश का दखल सही नहीं है।
हमारी सेना ने पाकिस्तान का जबरदस्त नुकसान किया: जयशंकर
ऑपरेशन सिंदूर पर जयशंकर ने कहा,"हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट किया। हमने पाकिस्तान को अगाह किया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला करने जा रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह इस ऑपरेशन में हस्तक्षेप न करे। उन्होंने इस सलाह को न मानने का फैसला किया। पाकिस्तान ने भारत पर हमले किया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने पाकिस्तान का कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया।"
सीजफायर को लेकर जयशंकर ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था।
पाकिस्तान को गुलाम कश्मीर लौटाना ही होगा: विदेश मंत्री
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को भी स्थगित कर दिया है। इस मामले पर विदेश मंत्री ने कहा,"सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता।
विदेश मंत्री ने आगे कहा,"कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना; हम इस चर्चा के लिए तैयार हैं।"
'कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए'
भारत-अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड एग्रीमेंट पर भी विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए; इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी होगी।