देवल संवाददाता, आजमगढ़। "ऑपरेशन कनविक्शन" अभियान के तहत जनपदीय पुलिस की गुणवत्तापूर्ण विवेचना, मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन द्वारा की गयी प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप 04 आरोपी अभियुक्तगण को मा0 न्यायालय द्वारा पवई चौराहे पर टेंट लगाकर मार्ग को अवरुद्ध करके आम जनता के आवागमन के में बाँधा पहुँचाने व प्रशासनिक कार्य में बाँधा उत्तपन्न करने के आरोप में दोषी करार देते हुए प्रत्येक को 03-03 माह के कारवास व 1300-1300/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
थाना पवई में पंजीकृत अपराध जिसमें पवई चौराहे पर टेंट लगाकर मार्ग को अवरुद्ध करके आम जनता के आवागमन के में बाँधा पहुँचाने व प्रशासनिक कार्य में बाँधा उत्पन्न करने वाले IS-133 गैंग के लीडर जनपद स्तर पर चिन्हित माफिया रमाकांत यादव सहित 04 आरोपी अभियुक्त को 03-03 माह के कारवास व 1300-1300/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
दिनांक- 06.04.2006 को वादी मुकदमा तत्कालीन थानाध्यक्ष पवई मूलचन्द चौरसिया थाने पर लिखित तहरीर दी कि दिनांक- 05.04.2006 को समय करीब 07.00 बजे सुबह रमाकान्त यादव (पूर्व सांसद सदर जनपद आजमगढ़) अपने दो, ढाई सौ समर्थको के साथ 5-7 असलहों से लैस होकर अपने समर्थकों डा0 राधेश्याम सिंह, दयाराम भाष्कर, रामकिशुन राजभर त्रिवेणी वर्मा, रामफल मौर्या आदि लोगों के साथ पवई चौराहे पर टेन्ट लगाकर कलान- आजमगढ़ व मित्तूपुर – आजमगढ़ मार्ग को पूर्णतया अवरुद्ध कर दिये थे जिससे आम जनता के आवागमन में काफी परेशानी उत्पन्न हो गयी तथा प्रशासनिक कार्य में बाँधा पहुची । अभियुक्तो के विरूद्ध थाना पवई पर मु0अ0सं0- 87/2006 धारा-341,143 भादवि पंजीकृत किया गया । अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र मा0 न्यायालय में दाखिल किया गया । मुकदमा उपरोक्त में 03 गवाह परीक्षित हुए है । जिसके क्रम में दिनांक- 13.05.2025 को मा0 न्यायालय सिविल जज सिनियर डिविजन/MP-MLA कोर्ट आजमगढ़ द्वारा मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित IS-133 गैंग के लीडर जनपद स्तर पर चिन्हित माफिया अभियुक्त 1. रमाकांत यादव पुत्र श्रीपति यादव निवासी सरांवा, थाना दीदारगंज, आजमगढ़ (पूर्व सांसद सदर आजमगढ़), 2. दयाराम भाष्कर पुत्र भरत भाष्कर निवासी मैनुद्दीनपुर, थाना पवई, आजमगढ़ 3. रामकिशुन राजभर पुत्र मल्लू राजभर निवासी गद्दोपुर, थाना पवई, आजमगढ़, 4. रामकृपाल पुत्र रामबली निवासी बस्ती चक गुलरा, थाना पवई, जनपद आजमगढ़ को दोषसिद्ध पाते हुए प्रत्येक को 03-03 माह के कारवास व 1300-1300/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।