देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की रहमो कृपा पर जिले में दर्जनों की संख्या में अवैध रूप से प्राइवेट अस्पतालों व पैथोलाजी सेंटरों का बेखौफ संचालन हो रहा है। मानकों की अनदेखी कर संचालित इन अस्पतालों में गलत इलाज से आएदिन मरीजों की मौत होती रहती है। शिकायत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के हुक्मरान अवैध रूप से संचालित अस्पतालों व पैथोलाजी सेंटरों पर कार्रवाई के बजाए मूकदर्शक बने हुए है।
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर यह आरोप लगाते हुए समाजसेवी कमलेश पांडेय ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी है। उन्होंने प्रेस को जारी बयान में बताया कि जिला मुख्यालय के प्रमुख शहर सोनभद्र नगर समेत अन्य इलाकों में दर्जनों की संख्या में मानकों की अनदेखी कर अवैध रूप से प्राइवेट हास्पिटलों व पैथोलाजी सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। इन अस्पतालों के अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी बेखौफ होकर मरीजों का दवा इलाज करने के साथ ही आपरेशन तक करते है, जिससे आएदिन गलत आपरेशन से मरीजों की मौत होती रहती है। यहीं हाल पैथोलाजी सेंटरों का भी है। अप्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा मरीजों का ब्लड निकाल कर मनमानी ढंग से जांच रिपोर्ट तैयार किया जाता है। इससे मरीजों के सेहद पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि देखा जाए तो जिला मुख्यालय के प्रमुख शहर सोनभद्र नगर के उरमौरा से एआरटीओ कार्यालय तक हाइवे किनारे आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पताल संचालित हो रहे है। जुगाड़ सिस्टम से संचालित इन अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों की तैनाती भी नहीं है। अप्रशिक्षित चिकित्सक खुलेआम मरीजों का आपरेशन करते है। हाई स्कूल व इंटर पास नवयुवक-युवतियां मरीजों का देखभाल करती है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के हुक्मरान खामोश बैठे हैं। कहा कि यह बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि जनपद में मेडिकल कालेज से संबंध जिला संयुक्त चिकित्सालय के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए हैं, बावजूद इसके जनपद में प्राइवेट अस्पतालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शहरी इलाकों सहित ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल खोलकर पैसा कमाने का एक व्यवसाय चल रहा है। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के हुक्मरानों के संरक्षण में अवैध रूप से प्राइवेट अस्पतालों का संचालन हो रहा है। उधर लगाए जा रहे आरोपों के बावत सीएमओ डा अश्वनी कुमार से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मौजूद नहीं मिले। लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।