राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तालकटोरा स्टेडियम में पेशवा बाजीराव प्रथम, महादजी शिंदे और मल्हारराव होलकर की अश्वारोही अवस्था वाली प्रतिमाएं स्थापित करने की अनुमति देने का आग्रह किया है।
सैन्य अभियानों के संदर्भ में अत्यधिक महत्व रखता है तालकटोरा
तालकटोरा स्टेडियम के आसपास का क्षेत्र मुगलों के खिलाफ मराठा साम्राज्य द्वारा शुरू किए गए सैन्य अभियानों के संदर्भ में अत्यधिक महत्व रखता है।
पवार ने कहा कि चूंकि तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए वह प्रधानमंत्री से दिल्ली सरकार और एनडीएमसी को पूर्ण आकार की अश्वारोही अवस्था वाली प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिए जाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।
पहले भी बन चुकी है ऐसी योजना
पवार ने कहा कि पुणे स्थित एक गैर सरकारी संगठन ने तालकटोरा स्टेडियम में बाजीराव, शिंदे और होलकर की प्रतिमाएं स्थापित करने की योजना बनाई थी, लेकिन साहित्यकारों और इतिहासकारों ने तीनों योद्धाओं की घुड़सवार प्रतिमाएं स्थापित करने के पक्ष में अपना पक्ष रखा है।
उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि हालांकि, कई साहित्यिक हस्तियों और शुभचिंतकों ने यह भावना व्यक्त की है कि पूर्ण आकार की घुड़सवार प्रतिमाएं उनकी वीरता और योगदान के लिए अधिक उपयुक्त श्रद्धांजलि होंगी।
श्री पवार ने कहा कि चूंकि तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए वह प्रधानमंत्री से दिल्ली सरकार और एनडीएमसी को पूर्ण आकार की घुड़सवार प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान करने का निर्देश देने में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।
पवार ने प्रधानमंत्री की सरहना की
तालकटोरा स्टेडियम 98वें मराठी साहित्य सम्मेलन का स्थल भी था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया था। पवार ने प्रधानमंत्री से कहा कि आपके गहन और व्यावहारिक भाषण ने दुनियाभर के मराठी लोगों को काफी प्रभावित किया। उद्घाटन समारोह के दौरान मेरे प्रति आपके विशेष स्नेह को प्रदर्शित करने के लिए मैं वास्तव में आपका आभारी हूं।