देवल संवादाता,महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए सरकार के प्रबंधन की तारीफ श्रद्धालु और आम जनता कर रही है. इस बात को विरोधी दल के नेताओं को भी मानना चाहिए. उक्त बात राजस्थान के पूर्व राज्यपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता कलराज मिश्र ने रविवार को प्रदेश कार्य समिति सदस्य अखिलेश मिश्रा गुड्डू के जाफरपुर मुंडा स्थित आवास पर कही. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के मित्र भी मानते हैं कि प्रबंधन महाकुंभ में अच्छा था लेकिन राजनीतिक वजह से वह विरोध कर रहे हैं जो सही नहीं है.
महाकुंभ में मची भगदड़ के दौरान मौतों का आंकड़ा विपक्ष द्वारा बार-बार मांगे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, इस पर विवाद करना उचित नहीं है, विपक्ष कह रहा है कि हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई. अगर ऐसा होता तो करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने क्यों आते. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी घटनाएं हुई है. इस बार महाकुंभ में भगदड़ के बाद जिस तरह से सरकार ने तुरंत नियंत्रित कर लिया यह प्रशंसनीय है. महाकुंभ को लेकर लोगों की आस्था पर आघात न पहुंचे विपक्ष को यह सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर महाकुंभ को कोई मृत्यु कुंभ को बोलेगा तो जनता उसे पसंद नहीं करेगी.
विपक्ष राजनीतिक दृष्टि से कर रहा महाकुंभ की अलोचना
कलराज मिश्र ने कहा कि विपक्ष के लोग भी सनातनी हैं. अखिलेश यादव से लेकर विपक्ष के कई नेता स्नान करने गए थे. लेकिन राजनीतिक दृष्टि से कहीं सत्ता पक्ष को लाभ न हो जाए इस वजह से विपक्षी नेता महाकुंभ को लेकर आलोचना कर रहे थे. उन्होंने कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन था. जिसमें करीब 66 करोड लोगों ने डुबकी लगाई. लेकिन गांधी परिवार के किसी सदस्य के महाकुंभ में स्नान न करने को लेकर करोड़ों जनता के मन में यह बात जरूर आई होगी कि इनको आना चाहिए था. महाकुंभ में जल के प्रदूषित होने के विपक्ष के सवाल पर कहा कि गंगा का जल बिल्कुल निर्मल था, जिसे जल विशेषज्ञ ने आचमन करके बताया था. उन्होंने कहा की मैने भी स्नान गंगा का जल एकदम स्वच्छ था.
कुंभ में स्नान करने से गरीबी बेरोजगारी दूर नहीं होगी मल्लिकाअर्जुन खरगे के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. महाकुंभ में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नहीं जाने पर लोग ऐसा सवाल कर रहे है कि जब चुनाव आता है तो मंदिर जाते हैं और धार्मिक कार्य करते हैं. लेकिन महाकुंभ में क्यों नहीं गए. उन्होंने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन का राजनीतिक दृष्टिकोण से क्या प्रभाव पड़ेगा. अब यह कह पाना उचित नहीं है क्योंकि सरकार जनता चुनती है और जनता किसे चुनेगी यह वही जानती है.
सीएम योगी के कठमुल्ला वाले बयान पर दी प्रतिक्रिया
उर्दू भाषा और कठमुल्ला जैसे शब्दों को लेकर उपजे विवाद पर कलराज मिश्र ने कहा कि लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद उत्पन्न करते हैं यह ठीक नहीं है. भाषा लोगों के विचार और अभिव्यक्ति का प्रबल माध्यम है. संस्कार और परंपरा, आशा और श्रद्धा, सभ्यता और संस्कृति को प्रकट करने का प्रबल संवाहक भाषाएं हैं. ऐसे में भाषाओं के बारे में अन्यथा बोलना ठीक नहीं है. भाषा और शब्द को ब्रह्म कहा गया है.