प्रधानमंत्री के रूप में तीसरे कार्यकाल में भी नरेन्द्र मोदी अपने प्रदर्शन और लोकप्रियता में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। लगभग 72 प्रतिशत महिलाओं ने उनके शासन को अपना समर्थन दिया है। यह बात इप्सोस इंडियाबस पीएम अप्रूवल रेटिंग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में कही गई है।
इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों से यह बात सामने आई है कि 10 लोगों में से सात से अधिक महिलाएं मोदी सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं अर्थात् पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में पीएम मोदी अधिक लोकप्रिय हैं। दिलचस्प बात यह है कि रेटिंग एजेंसी के अनुसार, प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिखाने में महिलाओं की संख्या पुरुषों से आगे निकल गई है।
72 प्रतिशत महिलाओं ने किया समर्थन
72 प्रतिशत महिलाओं ने उनके शासन का समर्थन किया है, जबकि 64 प्रतिशत पुरुषों ने उनका समर्थन किया है। रेटिंग एजेंसी का यह निष्कर्ष इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पिछले सर्वेक्षणों की तुलना में महिलाओं के बढ़ते और व्यापक समर्थन को दर्शाता है।
माना जाता है कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसी योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तीकरण पर केंद्र का ध्यान, 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के माध्यम से महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रस्ताव और 'महिला-नेतृत्व वाले विकास' दृष्टिकोण के साथ अर्थव्यवस्था को आकार देने से उन्हें महिलाओं का अधिक समर्थन प्राप्त हुआ है।
उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में बरकरार आकर्षण
क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के संदर्भ में पीएम मोदी का आकर्षण और करिश्मा उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में बरकरार है, जबकि दक्षिणी क्षेत्रों में इसमें गिरावट आई है। उत्तरी क्षेत्र के 86 प्रतिशत लोगों ने, पश्चिमी क्षेत्र के 74 प्रतिशत और दक्षिणी क्षेत्र के 32 प्रतिशत लोगों ने मोदी को स्वीकृति दी है।
जिन क्षेत्रों में मोदी सरकार ने रेटिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, उनमें शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली प्रमुख रूप से शामिल हैं। प्रदूषण, गरीबी, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली।
पदानुक्रम की दृष्टि से विभिन्न मानदंडों पर मोदी सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में 65 प्रतिशत, स्वच्छता के क्षेत्र में 49 प्रतिशत और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में 42 प्रतिशत लोगों ने समर्थन दिया। गरीबी, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी जैसे अन्य मुद्दों पर सरकार को सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
कई वजहों से बढ़ी लोकप्रियता
इस पर अपने विचार साझा करते हुए इप्सोस इंडिया के ग्रुप सर्विस लाइन लीडर पारिजात चक्रवर्ती ने कहा, 'इस सर्वेक्षण में अनुमोदन करने वाले, तटस्थ विचारों वाले और असहमति रखने वाले लोगों की राय लगभग समान रूप से विभाजित रही। इनमें से कुछ मुद्दे वैश्विक कारकों और प्रभावों के कारण चिंताजनक हैं, क्योंकि भारत वैश्विक आर्थिक मंदी, वैश्विक मुद्रास्फीति की स्थिति और वैश्विक नौकरी में कटौती से अछूता नहीं है।'
चक्रवर्ती ने कहा, 'बालिकाओं की शिक्षा पर ध्यान, आंगनवाड़ियों में मुफ्त मिड-डे मील, नए शिक्षा केंद्रों की शुरुआत, शहरी केंद्रों में विशेष पाठ्यक्रम, युवाओं को नौकरी के लिए तैयार करने के लिए स्किल इंडिया जैसे कदमों ने लोगों को मोदी सरकार के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया है।'