कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।
जिले में गन्ना किसानों की गाढ़ी कमाई पर मिल के काटों पर घपला शुरू हो गया है. गन्ना किसानों की सुविधाओं को देखते हुए दूर दराज के इलाको में गन्ना तौल करने के लिए कांटा स्थापित किया गया है. चीनी मिल पर स्थापित गन्ना तौल मशीन पर कर्मचारी द्वारा गन्ना तौल में खेल किया जा रहा है। यह मैं नहीं कह रहा हूं यहां चीनी मिल के विशेष सूत्रों द्वारा जानकारी मिल रही है।चीनी मिल का नाम तो मिठास भरा है लेकिन यहां से निकलने वाला गंदा पानी पर्यावरण में जहर घोल रहा है। मिल से निकलने वाला गंदा पानी लोगों व मवेशियों के साथ ही फसलों के लिए जहर बना हुआ है। चीनी मिलें अपना खजाना भरने के लिए सरकारी नियमों की अनदेखी कर रही हैं। चीनी मिलों से निकलने वाले अपशिष्ट व गंदे पानी जो तमसा नदी में निकलती है जिससे न सिर्फ किसानों के खेतों में लगी फसलें खराब हो जाती हैं, बल्कि जहरीला पानी पीने से पशु-पक्षियों की जान चली जाती है। अकबरपुर चीनी मिल को लेकर लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। इस मिल के आसपास रहने वाले लोग आरोप लगा रहे है की यह मिल सिरदर्द बन चूका है। मिल में व्याप्त प्रदूषण और बदबू के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि गांव के पास पानी की निकासी के लिए बने नाले में चीनी मिल के रसायन मिले अपशिष्ट बहने से वातावरण बुरी तरह से दूषित हो रहा है। ऐसा आरोप है की, मिल की चिमनी से निकलने वाले धुंए से लोगों में अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी हो रही हैं और जल-स्तर में आ रहे बदलाव की वजह से धान व गन्ने की फसल बर्बाद हो रही है। सड़क के पास मिल की राख बिखरी होने के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।कड़ाके की ठंड में अलाव की सुविधा नहीं है। किसान ट्राली में खेत से सूखी पत्तियां ढोकर लाते हैं, जिन्हें जलाकर वे रातें काट रहे हैं। टोकन कांटा, तौल कांटा, चेकिग कांटा व डोंगा के पास अलाव जलता मिला, जहां यहां मिल कर्मियों की तैनाती है। लेकिन, यार्ड अलाव के मामले में उपेक्षित है। यार्ड में साफ-सफाई का भी अभाव है। शौचालय व हैंडपंप के आसपास भी गंदगी व्याप्त है। इन सब समस्याओं को लेकर एच.आर. और गन्ना अधिकारी अरविंद सिंह चीनी मिल से वार्ता करने का प्रयास किया गया परंतु फोन रिसीव नहीं हुआ।