देवल संवाददाता, गोरखपुर ।बास्केटबॉल में गोरखपुर के उभरते खिलाड़ियों में से संजय एक हैं। गोरखनाथ इलाके के रहने वाले संजय बताते हैं कि पिता जी लोगों के घरों तक रसोई गैस सिलिंडर की डिलीवरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं हाेने के बाद भी पिता ने बेटे को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्हें कभी खेलने से रोका नहीं बल्कि बढ़ाया। उनकी मेहनत और सहयोग के परिणाम धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं।
महंत दिग्विजयनाथ राज्यस्तरीय प्राइजमनी पुरुष बास्केटबाॅल प्रतियोगिता में चैंपियन बनी गोरखपुर टीम तो खिताब दिलाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी संजय खूब चर्चा में हैं। पिता सुभाष घरों तक रसोई गैस सिलिंडरों की डिलीवरी करते हैं, लेकिन उन्होंने बेटे के सपनों को उड़ान देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
गरीबी से भिड़कर पिता ने संजय को बास्केटबॉल कोर्ट तक पहुंचाया, फिर गुरु मनीष श्रीवास्तव ने उन्हें निखारने में पूरी ताकत झोंक दी। उसी का नतीजा है कि फाइनल में अकेले संजय ने टीम को 25 अंक दिलाए और स्वर्ण पदक जितवाकर गोरक्षनगरी के साथ अपना नाम भी चमकाया।
बास्केटबॉल में गोरखपुर के उभरते खिलाड़ियों में से संजय एक हैं। गोरखनाथ इलाके के रहने वाले संजय बताते हैं कि पिता जी लोगों के घरों तक रसोई गैस सिलिंडर की डिलीवरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं हाेने के बाद भी पिता ने बेटे को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्हें कभी खेलने से रोका नहीं बल्कि बढ़ाया। उनकी मेहनत और सहयोग के परिणाम धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं।
हाल ही में संपन्न हुई राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में संजय ने शानदार प्रदर्शन किया। संजय ने पूरी प्रतियोगिता में करीब 80 अंक हासिल किए। इसके पहले संजय ने अंडर-16 यूथ नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया था। जून में बरेली में संपन्न हुई स्टेट चैंपियनशिप में संजय को बेस्ट प्लेयर का खिताब मिला था।
संजय ने बताया कि उसको आगे बढ़ाने में कोच मनीष श्रीवास्तव और आदित्य सिंह का योगदान रहा। उन्हीं के मार्गदर्शन में वह कोचिंग करते हैं। पिता की तरह ही कोच भी उनका इतना ध्यान रखते हैं कि कोई भी मोर्चा वे लड़ पाते हैं। इस बार भी अच्छा प्रदर्शन कोच के मार्गदर्शन से ही संभव हो सका।
प्रिंस का प्रदर्शन भी शानदार
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ी प्रिंस राजभर ने भी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। प्रिंस ने प्रतियोगिता में करीब 70 अंक हासिल किए। हालांकि, उनकी टीम फाइनल तक नहीं जा सकी। प्रिंस के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं। पिछले चार साल से बास्केटबॉल खेलते हुए प्रिंस ने दो नेशनल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया है। इसके अलावा वह छह प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिताओं में गोरखपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
किसान के बेटे नलिन ने स्वर्ण जीतकर दिखाया दमखम
प्रतियोगिता में वाराणसी की टीम उपविजेता रही। वाराणसी के दो खिलाड़ी कुणाल और नलिन राज ने अपने प्रदर्शन से सभी को आकर्षित किया। नलिन काशी विद्यापीठ के विद्यार्थी हैं। पिता किसान हैं। नलिन ने बताया कि पिछले 10 साल से वह बास्केटबॉल खेल रहे हैं।
कोच संतोष सिंह बास्केटबॉल में लाए। उन्हीं के निर्देशन में अभ्यास करते हैं। जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य, ऑल इंडिया बास्केटबॉल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं। इसके पहले वह साईं हॉस्टल में भी रह चुके हैं। नलिन ने बताया कि अभी उनका खेल अच्छा चल रहा है।
सरकारी नौकरी की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बास्केटबॉल को लेकर माहौल अच्छा है, लेकिन इसमें अभी कुछ सुधार की जरूरत है। अच्छे कोच और प्रतियोगिताएं हों तो खिलाड़ी और निखरेंगे। कुणाल इस समय साईं सेंटर में रहकर अभ्यास करते हैं। हाल ही में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया था।