देवल संवाददाता,मऊ। मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर की अध्यक्षता में महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की मासिक समीक्षा बैठक विकास भवन सभागार में संपन्न हुई। बैठक के दौरान जिला प्रोवेशन अधिकारी डॉक्टर श्वेता त्रिपाठी ने महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। जिसमें उन्होंने बताया कि समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत 195 आवेदन स्वीकृत किया गया है,तथा उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों के स्तर पर 342 आवेदन सत्यापन हेतु लंबित है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत जिला प्रोवेशन अधिकारी ने बताया कि 31 आवेदनों की स्वीकृति हो चुकी है तथा उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी स्तर पर 75 आवेदन एवं 66 आवेदन जिला प्रोवेशन कार्यालय स्तर पर लंबित है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत उन्होंने बताया कि इस योजना के प्रारंभ से अब तक 51434 आवेदनों के सापेक्ष 27412 आवेदनों को निदेशालय महिला कल्याण उत्तर प्रदेश लखनऊ को अग्रसारित किया जा चुका है तथा 23184 आवेदनों को संबंधित उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापन कर अपात्र किया गया। इसके अलावा 209 आवेदन सत्यापन हेतु उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी स्तर पर लंबित बताया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने जिला प्रोवेशन अधिकारी को निर्देश दिए कि संबंधित उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए लंबित आवेदनों का सत्यापन करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी ने जिला प्रोवेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि बाल संरक्षण समिति के साथ नियमित बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते रहने को कहा। पति की मृत्यु हो जाने पर निराश्रित पेंशन योजना के अंतर्गत जनपद में 26589 महिलाओं को पेंशन दिलाकर लाभान्वित किया जा रहा है है। वन स्टाप सेंटर के अंतर्गत संध्या सिंह वन स्टाफ सेंटर मैनेजर ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत माह अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक कुल 314 प्रकरण प्राप्त हुए जिसमें सभी प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रुद्र प्रताप ने बताया कि समिति द्वारा माह जनवरी 2024 से अक्टूबर 2024 तक समिति के समक्ष 233 बच्चे,जिसमें 28 बालक व 205 बालिका प्रस्तुत हुए। जिसमें कुल 232 को बाल हित परिवार में समायोजित किया गया। जिला प्रोवेशन अधिकारी ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना बाल लैंगिक अनुपात एवं बालिकाओं को अनिवार्य शिक्षा से जोड़ने हेतु जागरूक किया जा रहा है एवं बाल लैंगिक अनुपात की दर की वृद्धि में बालिकाओं को शिक्षा पद्धति से जोड़ने हेतु समेकित प्रयास से उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर जागरूक किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अंतर्गत उन्होंने बताया कि पुलिस स्तर पर 11 प्रकरण एवं मेडिकल स्तर पर 47 प्रकरण लंबित हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने महिला चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए कि नियमानुसार त्वरित कार्रवाई करें। बैठक के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक महेश सिंह अत्री लीड बैंक मैनेजर,जिला महिला चिकित्सा अधीक्षक सहित बाल संरक्षण समिति के सदस्य उपस्थित रहे।