दैनिक देवल, सोनभद्र। सरकार द्वारा नगरीय निकायों में संस्कृतिक ,पौराणिक व धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए अपनाईं गई टेंडर प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। इसे लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत भी दर्ज कराई गई है जिस पर जांच के आदेश दिए गए हैं। आरोप है कि टेंडर के लिए अनफिट घोषित की गई फर्म की तरफ से नियमों के अनदेखी की गई है। वहीं निविदा पाने वाली फर्म पर महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने और फर्जी प्रपत्रों को लगाकर निविदा हासिल करने के आरोप लगाए गए हैं। उक्त मामले में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका विजय यादव का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है। निकायों के ऑनलाइन टेंडर में फर्म के लिए रजिस्ट्रेशन की बाध्यता नहीं है। शिकायतकर्ता फर्म के पास अपेक्षित अनुभव न होने के कारण उसे अनफिट घोषित किया गया है। अभी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत प्राप्त होते ही बताए गए प्रपत्रों की जांच कर सत्यापन की कार्यवाही की जाएगी। शिकायतकर्ता ने बताया कि ई-लाइट कॉरपोरेट सर्विस प्रोपराइटर अशरफुर रहमान का पंजीकरण प्रमाण पत्र परियोजना अधिकारी डूडा गोंडा द्वारा केवल जिला नगरीकरण विकास अभिकरण गोंडा की ठेकेदारी के लिए जारी किया गया है। वहीं मेसर्सआदर्श कॉर्पोरेट प्रोपराइटर जागीलुर रहमान का अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से लगाया गया है। एक ही कार्य का प्रमाण पत्र मेसर्स आदर्श कॉरपोरेट और पैराडाइज ट्रेडिंग की प्रोपराइटर नाजमा हूर के प्रपत्रों में स्कैन करके लगाया गया है। आरोप है कि आरके ट्रेडर्स के नाम से जारी श्रम विभाग का रजिस्ट्रेशन की वैधता 31 मार्च 2023 तक ही है जिसमें फर्म का नाम बदलते हुए पैराडाइज ट्रेडिंग के लिए 31 मार्च 2025 तक के लिए वैध बनाया गया है। वही एक ही अनुभव प्रमाण पत्र को बदलकर अलग-अलग तिथियों में दर्शाया गया है।
उक्त मामले को लेकर विहिप नेता सत्य प्रताप सिंह ने शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। वही अनफिट घोषित की गई फर्म के द्वारा शिकायती पत्र में कहा गया है कि फर्म द्वारा मानक पूरा करने के बावजूद उसे अनफिट घोषित कर दिया गया जबकि गैर जनपद के फर्म की निविदा को स्वीकार कर लिया गया है। उक्त मामले में जिलाधिकारी से शिकायत के मामले में एडीएम को जांच सौंपी गई है।