दैनिक देवल ,ओबरा सोनभद्र। ओबरा,अगोरी खास,चौरा टोला,न्यू इंडिया मिनरल प्रा.लि.के द्वारा सोन नदी कि बिच धारा में नाव कि श्रृंखला जोड़ कर पाइप के जरिए मुख्य धारा अवरुद्ध कर निकाली जा रही है बालू ,सोन नदी कि मुख्य धारा अवरुद्ध कर लिफ्टर व पोकलेन मशीनों के द्वारा पाइप पंपिंग सेट एवं नांव को उपयोग कर किया जा रहा अवैध बालू खनन मशीनों के उपयोग से बिच धारा से बालू खिंचकर किनारे लाई जा रही है और यहां से पोकलेन के जरिए, ट्रक पर लोड कर भेजा जा रहा है। बताया गया कि सोन नदी अगोरी खास चौरा में बालू की साइट न्यू इंडिया मिनरल कि 16.19 हेक्टेयर एरिया आवंटित कि गई है। 824 बड़े एरिया को कई खंडों में आवंटित कि गई है, क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि बालू साइड की आड़ में सोन नदी कि मुख्य धारा को अवरूद्ध कर नांव की श्रृंखला जोड़ कर पाइप के जरिए नदी कि मुख्य धारा से बालू निकाली जा रही है, शुरुआती दौर में ही अवैध बालू खनन कि चर्चा जोरों पर है। कुछ तस्वीरें भी सामने आई है जिसमें नांव पर पाइप बिछी दिख रही है। पिछले सिजन में भी यहां इसी तरह की तस्वीरें सामने आई थी।
दुद्धी तहसील क्षेत्र के नगवां में कनहर नदी की प्राकृतिक सुंदरता को बिगाड़ने और कथित बालू साइट की आड़ में नदी में रास्ता बनाने के साथ ही नदी की बीच धारा से पोकलेन के जरिए बालू खोदने का बड़ा आरोप लगाया गया है। सोमवार को स्थानीय ग्रामीणों ने इस पर गहरी नाराजगी जताई। साथ ही तस्वीरें और वीडियो वायरल कर मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की गई। मौके पर कोई साइन-बोर्ड न होने पर भी सवाल उठाए गए कि कितना क्षेत्र खनन के लिए चिह्नित है। बताया जा रहा है कि कनहर नदी में कोरगी और नगवां में बालू खनन के लिए पट्टा आवंटित किया गया है। कोरगी में कथित तौर पर वन क्षेत्र से होकर बनाए जाने वाले रास्ते को लेकर आपत्ति की स्थिति है। नगवां में नदी के बीच में रास्ता बनाने और नदी की बीच धारा में पोकलेन के जरिए बालू खनन का मामला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया है। आरोप लगाया जा रहा है कि अनाधिकृत तरीके से नदी के दोनों छोर को जोड़कर करीब दो किमी रास्ता बना लिया गया है। इस क्षेत्र का आधे से ज्यादा हिस्सा नदी की तलहटी में आता है। ग्रामीणों का आरोप है कि नियम-कायदों को ताक पर रखकर किए गए निर्माण से न सिर्फ नदी का प्राकृतिक स्वरूप प्रभावित हुआ है, बल्कि नदी की बीच धारा में खनन और सड़क निर्माण से नदी का प्राकृतिक प्रवाह भी प्रभावित हुआ है। फिलहाल इस मामले में खनन विभाग क्या कार्रवाई करेगा, जांच में किस तरह के तथ्य सामने आते हैं, यह तो जांच का नतीजा ही बताएगा। फिलहाल लगाए जा रहे आरोपों, नदी में बनी सड़कों और बीच धारा में खनन को लेकर खूब चर्चा हो रही है। खान अधिकारी शैलेन्द्र सिंह एवं क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण प्रभारी अधिकारी उमेश गुप्ता, दोनों अधिकारियों के सेल फोन नहीं उठने से पक्ष नहीं रक्खा जा सका दुध्दी तहसील क्षेत्र के नगवां में बालू खनन के लिए पट्टा आवंटित किया गया है। जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसमें कितनी सत्यता है, इसकी जांच कर जरूरी कदम उठाए जाएं।