आमिर। ब्यूरो चीफ। देवल। जौनपुर।जौनपुर। सूबे के मुख्यमंत्री यानी बेलडोजर बाबा का सख्त आदेश है कि कहीं भी कोई अवैध कब्जा नहीं करेगा। जो करेगा तो बुलडोलर चलेगा और वह अपने कर्मों का फल भरेगा लेकिन जौनपुर में शायद ऐसा कुछ नहीं है तभी तो दूसरे के मकान को अपना बताकर कुछ लोगों द्वारा बेचने की साजिश रची जा रही है। इस मामले में मायावती के मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री रहे एक नेता के पुत्र की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
बता दें कि पीड़ित पूर्वांचल की शक्तिपीठ मां शीतला चौकियां धाम क्षेत्र के रामपुर जमीन हिसामपुर निवासी रमाशंकर मौर्य हैं जो इस समय 72 वर्ष के हैं। जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देते हुये उन्होंने बताया कि वह अपने हिस्से की भूमि पर एक कमरा व मड़हा डालकर परिजन सहित पशु-प्राणी समेत रहते हैं। बाद में बन्दोबस्त अधिकारी से उक्त भूमि पर आदेश प्राप्त करके लैट्रिन, सोख्ता, टीनशेड आदि बनवा लिये हैं। चकबन्दी विभाग ने चक परिवर्तन के दौरान उनके हिस्से की जमीन पर काबिज करवा दिया लेकिन नक्शा बनाते समय चकबन्दीकर्ताओं ने निर्माण की भूमि पर 705 नम्बर की चक श्यामा देवी की बना दिया जबकि श्यामा देवी उत्तर-पश्चिम में बैनामा कराकर काबिज रहीं। इतना ही नहीं, उनके बैनामे की चौहद्दी भी नहीं है।
उक्त प्रकरण को लेकर पीड़ित बुजुर्ग वर्ष 2013 से अब तक तमाम शिकायती पत्र देता रहा परन्तु किसी सम्बन्धित एवं न्यायिक अधिकारी ने कान पर जूं नहीं रेंग रहा है। थक-हार करके चकबन्दी अधिकारी सिद्दीकपुर के यहां वाद दाखिल किया गया लेकिन वहां से अभी तक केवल तारीख ही मिल रही है। कब्जा परिवर्तन के समय जो पत्थरगड्डी थी, वह आज भी मौजूद है। पीड़ित के अनुसार श्यामा देवी के लड़के जालसाज किस्म हैं जो मेरे मकान को अपना बताकर भू-माफियाओं के हाथों बेचना चाह रहे हैं। कुल मिलाकर चकबन्दीकर्ताओं के गलती की वजह से बुजुर्ग आज दर-दर ठोकर खाने को मजबूर है जिनके अनुसार सदर तहसील के रामपुर जमीन हिसामपुर में वह वर्ष 1986 से एक कमरा एवं मड़हा डालकर पशु आदि के साथ रहते हैं। चकबन्दी के दौरान वर्ष 2010 में बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी से अपने हिस्से की जमीन पर 0.015 हेक्टेयर पर मकान बनाने हेतु आदेश लिया। आदेश के क्रम में एक कमरा, टीनशेड, लैट्रिन, सोख्ता आदि बनवा लिया।
लोगों के अनुसार चकबन्दीकर्ताओं उक्त की मिलीभगत से श्यामा देवी के परिवार वाले अब रमाशंकर के मकान को अपना बताकर भू-माफियाओं के हाथों बेचना चाहते हैं। इस परिस्थिति में यदि शीघ्र ही इस मामले पर सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा निस्तारण न किया गया तो रमाशंकर बेघर हो जायेगा। उक्त भूमि पर उसी निर्माण वाले स्थान पर देकर काबिज भी कराया गया लेकिन इसके विपरीत बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी के आदेश को दरकिनार कर उसी मकान पर अन्यत्र दिशा में काबिज श्यामा देवी की चक को लाकर बैठा दिया गया। नक्शे को गलत बनाकर श्यामा देवी जिस जमीन को लेकर रमाशंकर की जमीन पर आयी हैं, वह बैनामे की है लेकिन कोई चौहद्दी नहीं है जबकि बैनामा बिना चौहद्दी के नहीं होता है। न्याय के लिये जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाने वाले बुजुर्ग रमाशंकर ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाया। साथ ही चेतावनी भी दिया कि शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह मुख्यमंत्री के दरबार में जाकर गुहार लगायेगा।