अरविंद पाण्डेय, देवल संवाददाता । आजमगढ़ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 5 दिवसीय आजमगढ़ महोत्सव 18 से 22 सितंबर महोत्सव की पूर्व संध्या पर हरिऔध कला केंद्र में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें सर्वप्रथम मुख्य अतिथि महोत्सव नोडल प्रभारी अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आज़ाद भगत सिंह तथा रूपेश कुमार गुप्ता पर्यटन जिला सूचना अधिकारी के द्वारा उदघाटन संयुक्त रूप से माता सरस्वती की फोटो पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
कवि सम्मेलन में जनपद के विभिन्न जानेमाने कवियों ने काव्य पाठ किया।
वहीं नवोदित कवि संतोष पाण्डेय ने अपने कविता पाठ नौकरी की जिंदगी यारों क्रिकेट की बाल है पढ़कर सबको खूब गुदगुदाया।
नवोदित कवियित्री शालिनी आर्या ने मयार तो मेरा खुदा भी ना हुआ पाठ कर खूब प्रशंसा बटोरी।
तुम्हे ही याद किया सबकुछ भुला दिया मैने अब खुद ही सोचता हूं ये क्या किया मैंने।
वरिष्ठ कवि डॉक्टर ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने अपने कविता पाठ फिर मुझे याद कर रहा कोई से सबको भाव विभोर कर दिया।
चलो फिरसे उजड़ा घरौंदा बनाएं कवि राजनाथ राज
रुत मन भावन है आया अब सावन है कोरे कोरे नैनन से नेह बरसा गए।
वरिष्ठ कवि रूद्र चौबे ने काव्य पाठ किया।
प्रणय गांव धरती अम्बर का दूर छितिज के पार रचूं कवियित्री डॉक्टर प्रतिभा सिंह।
तुम भी कर सकोगे चरागों को रोशन। कवि मोo साहिद
वहीं कवियित्री शालिनी राय "डिंपल"
ने अपने कविता पाठ जिसमें श्रृंगार करुण दोनों रसों मिश्रण दिखा पाठ कैसे हमको दिए बिसराई पिया।
ये राही तुमको आगे आगे बढ़ते जाना है विजयेंद्र प्रताप श्रीवास्तव
मंच का संचालन जनपद के ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ कवि पित्रपुरुष प्रभु नारायण पाण्डेय "प्रेमी जी" ने किया अध्यक्षता वरिष्ठ कवियित्री डॉक्टर आशा सिंह जी ने सर्वप्रथम मां शारदा की वंदना हैं भंवर में सभी मां हमे पार थे शारदे शारदे मां मेरी शारदे। से किया ।
द्वितीय कार्यक्रम हरिहरपुर संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा शास्त्रीय संगीत गायन की मनमोहक प्रस्तुति की गई । तो वहीं कथक प्रशिक्षक श्रेया चित्रांशी के निर्देशन में समूह कथक नृत्य का प्रदर्शन हुआ जिसमे समस्त प्रशिक्षित छात्र छात्राओं ने सामूहिक नृत्य प्रदर्शन कर सबका मन मोह लिया सहयोगी रहे तबला वादक पंडित मोहन मिश्रा हारमोनियम पे संतोष मिश्रा सह गायक शिवम मिश्रा समस्त कार्यक्रम हरिहरपुर संगीत महाविद्यालय के डिप्लोमा कोर्स के समस्त छात्र एवं छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया।
तृतीय कार्यक्रम-
नाटक विदेशीया
जागरुक शिक्षण-प्रशिक्षण सेवा संस्थान
नाटक-बिदेसिया, लेखक - भिखारी ठाकुर,
निर्देशक - अभय सिंह कुशवाहा
मंच पर- बिदेशी - अभय सिंह कुशवाहा
प्यारो रखेलिन बटोही दोस्त समाजी लड़का मिन्टी रावत अंजली रावत आशुतोष सिंह सुमित प्रसाद,छोटे लाल प्रजापति, करन प्रसाद, मन्टू कुमारबृजेश राय मंच परे
संगीत संयोजन - पंकज कुमार
पार्श्व गायन तबला वादक नाल वादक
माया, गुड़िया, पुष्पा मृत्युन्जय सिंहमनोज ठाकुर भेष-भूषा- छोटे लाल प्रजापति
रूप सज्जा माया।