बलिया कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की डीएम रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में आईसीडीएस के 0 से 5 साल के बच्चों को पोषाहार वितरण एवं विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने के सम्बंध में एसएनबी और पोषण ट्रैकर पर आधार वेरीफिकेशन परियोजना की स्थिति आदि की बिंदुवार समीक्षा की गई। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जनवरी तक का ड्राई राशन अभी प्राप्त नहीं हुआ है।जिले में 17 लर्निंग लैब कंप्लीट हो चुके हैं। 75 और लर्निंग लैब बनाने का आदेश शासन स्तर से प्राप्त हुआ है। लाभार्थियों का मोबाइल वेरीफिकेशन, आधार सत्यापन और आंगनबाड़ी केंद्रों की मैपिंग कार्य पूरा हो चुका है। पोषण ट्रैकर पर सैम-मैम और अति कुपोषित बच्चों की संख्या के मामले में डीएम ने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया कि अपने ब्लॉक के आंगनवाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों की कुल संख्या, कितने बच्चे कुपोषण से बाहर आए, इसकी संख्या और प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने आंगनबाड़ी केंद्र के कम से कम एक बच्चे को गोद लेते हुए। महीने भर में उसे कुपोषण से बाहर निकालने की पूरी रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करें।डीएम ने कहा कि अगर इसमें भी लापरवाही मिली तो संबंधित सीडीपीओ, मुख्य सेविका और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने अधिकतर मानकों पर पिछड़ने के कारण बैरिया और मुरलीछपरा के सीडीपीओ को विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन वितरण में हमारा प्रदेश में नंबर वन है। डीएण ने इस मामले में पिछड़ने वाले और डाटा फीड न करने वाले सीडीपीओ को डाटा फीड कराने एवं जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं को विजिट बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा कि सभी लोग जिम्मेदारी के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण करना सुनिश्चित करें और इसे सहयोग एप पर अपलोड करें। इस बैठक में सीडीओ ओजस्वी राज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजय पति द्विवेद्वी ,डीपीएम आर० बी० यादव, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।