कहते हैं कि मन में कुछ कर गुजरने का हौसला हो और पूरी तन्मयता के साथ लक्ष्य पाने का प्रयास किया जाय तो जो सफलता मिलती है, उसकी खुशी भी अलग ही होती है। प्रधानमंत्री सांसद ज्ञान प्रतियोगिता में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। प्रतिभागियों को एक दो नहीं बल्कि काशी पर आधारित 7000 सवाल दिए गए। पांच दिन की तैयारी करने का मौका मिला। तीन बार परीक्षा हुई। इसमें लिखित और मौखिक परीक्षा में सवालों का जवाब परीक्षार्थियों ने दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मान मिला तो सभी प्रतिभागियों के चेहरे खिल उठे। इस पल के गवाह उनके शिक्षकों के साथ ही माता-पिता भी बने।स्वतंत्रता भवन में प्रधानमंत्री ने अलग-अलग प्रतियोगिता से जुड़े प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थी से लेकर इंटर कॉलेज, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर के विद्यार्थी और शिक्षक समेत कुल 21 विजेताओं को सम्मानित किया गया। मंच से सभी को स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और मेडल देकर विजेताओं को सफलता की राह पर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा 10 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप, किताब, ड्रेस, वाद्ययंत्र देकर उनको जीवन में निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की शुभकामनाएं भी दी।प्रतियोगिता के विजेताओं के अनुसार काशी पर आधारित 33 विषयों पर सवाल पूछे गए। इसमें काशी के रहनसहन, एमएसएमई-ओडीओपी, धार्मिक इतिहास, खान-पान, मंदिर और धार्मिक यात्रा, पत्रकारिता, घाट, रंगमंच, संगीत, साहित्य, स्मार्ट सिटी, स्वच्छ काशी व स्वास्थ्य , पुलिस कमिश्नरेट, एनडीआरएफ, परिवहन, काशी के त्योहार-धर्म, काशी के साहित्यकार आदि शामिल हैं।सांसद ज्ञान प्रतियोगिता में पहला स्थान पाना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है। इसमें काशी पर आधारित सवालों के माध्यम से बहुत कुछ काशी की इतिहास, परंपरा आदि के बारे में नई जानकारियां मिली। निश्चित तौर पर इस तरह की प्रतियोगिताओं से आगे की तैयारी में आत्मविश्वास बढ़ेगा। अधिवक्ता बनने का सपना है, इसको पूरा करने की तैयारी अभी से चल रही है। काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता जैसे आयोजन से बहुत कुछ सीखने को मिला। साथ ही प्रतिस्पर्धा की भावना भी जागृत होती है। जज बनकर पीड़ितों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया है। मेरे इस संकल्प को पूरा करने, जीवन में आगे बढ़ने में इस तरह के पुरस्कार अहम भूमिका निभाएंगे। जीवन में आगे कहीं भी जाना है तो काशी से जुड़े रहना जरूरी है।प्रधानमंत्री को इसके पहले टीवी पर तो देखा था लेकिन आज उनके पास जाकर उनसे बात कर बहुत अच्छा लगा। प्रधानमंत्री ने खूब पढ़ने की सलाह दी है, इसका पालन करते रहेंगे। प्रतियोगिता के लिए आवेदन करने के बाद से जब काशी से जुड़े सवालों का पीडीएफ फार्मेट मिला, तो गुरुजी के निर्देशन में तैयारी की। पहला स्थान पाने के बाद बहुत खुशी हुई है।प्रतियोगिता के माध्यम से काशी की सांस्कृतिक, धार्मिक विरासत सहित कई अनछुए पहलुओं को जानने का अवसर मिला। तीन स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता निश्चित तौर पर कठिन थी। इसमें टीम के साथ पहला स्थान हासिल हुआ। फिलहाल पीजी पॉलिटिकल साइंस से पढ़ाई चल रही है। इस तरह की प्रतियोगिता का समय-समय पर आयोजन होते रहना चाहिए।शुरू से ही मेरा रूझान संस्कृत के प्रति है। शुरू से ही घर में संस्कृत पढ़ने और पढ़ाने का माहौल था। इससे प्रेरित होकर अपने इस विषय से आगे की पढ़ाई की राह चुनी है। संस्कृत में गीत की प्रस्तुति की। प्रधानमंत्री के हाथों मुझे परिधान मिला है। यह मेरे जीवन में सदैव सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता रहेगा।फोटोग्राफी प्रतियोगिता होने की जानकारी जैसे ही मिली तो उसका फार्म भरा। इसके बाद से ही संवरती काशी शीर्षक फोटो तैयार करने में जुट गया। काशी विश्वनाथ मंदिर में धाम की पहली वर्षगांठ पर आयोजित दीपोत्सव वाली तस्वीर पर पहला पुरस्कार मिला। इसमें दीयों से सजे गंगा द्वार का चित्र है। आगे चलकर भारत की पौराणिक गाथाओं पर आधारित एनीमेशन फिल्म बनाने का सपना लिया है। इसमें इस तरह के पुरस्कार से हौसला बढ़ेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता भवन में स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र, बुक, परिधान ही नहीं वाद्ययंत्र भी बांटे। इस दौरान उन्होंने शास्त्रार्थ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पवन कुमार शुक्ल और छात्र मृदुल दीक्षित को वाद्ययंत्र दिया। इसमें तबला, ढोलक, हारमोनियम भी शामिल है।बीएचयू स्वतंत्रता भवन में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले फोटो गैलरी में लगी काशी पर आधारित फोटो प्रदर्शनी को देखा। इसमें 11 प्रतिभागियों की ओर से तैयार फोटो लगाई गई थी। जिसमें काशी की गलियां, घाट, मंदिर, त्योहार, काशी में जीवन, नदी आदि पर एक से बढ़कर एक तस्वीर थी। पीएम ने एक-एक कर सभी तस्वीरों को देखा और प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया। इसमें पियुष सिंह ने काशी से जुड़े विश्वास, दीप्ति सिंह की फोटो एतिहासिक स्थल पर रही। पांडेयपुर निवासी रवि सिंह ने काशी की गलियां अपनी फोटो में दिखाई। कहा कि 2022 में बीटेक पूराकरने के बाद अब फोटोग्राफी करने के अपने मिशन को पूरा करने में लगा हूं। अर्दली बाजार निवासी सौरभ सिंह काशी में जीवन को दर्शाया। हर्षित सिंह ने पर्यटकों की नजर में काशी, अंकित पटेल ने काशी का जीवन, रोहित जायसवाल ने गंगा नदी पर आधारित फोटो बनाई थी। साथ ही अक्षत मिश्रा ने काशी में मानव विषय पर तस्वीर बनाई। इसमें भगवान शंकर के कई रुपों पर चित्र बनाया। उमर सुल्तान ने काशी के त्योहार, विनय त्रिपाठी ने काशी में मानवता, कृष्णा सिंह ने काशी के मंदिर पर तस्वीर बनाई। इसके अलावा सीडीओ हिमांशु नागपाल के देखरेख में सरकारी प्रोजेक्ट की तस्वीर लगाई गई थी।