संसद के दोनों सदनों में पारित हुए तीनों नए बिलों पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इन तीन कानूनों की आत्मा असंवैधानिक है। ये कानून क्रूर हैं सत्तावादी हैं। उन्होंने कहा कि ये भारत में एक पुलिस राज्य की नींव रखेंगे...ये कानून होंगे। कानून की उचित अदालतों में चुनौती दी गई और मुझे विश्वास है कि वे संवैधानिकता की परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं होंगे।लोकसभा के बाद राज्यसभा में अपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों बिलों को पारित किया गया है। जिसके बाद राष्ट्रपति की मुहर लगने के साथ ही कानून अमल में आ जाएगा। मौजूदा आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह नए तीनों कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम होंगे।संसद के दोनों सदनों में पारित हुए तीनों नए बिलों पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इन तीन कानूनों की आत्मा असंवैधानिक है। ये कानून क्रूर हैं, सत्तावादी हैं। उन्होंने कहा कि ये भारत में एक पुलिस राज्य की नींव रखेंगे...ये कानून होंगे। कानून की उचित अदालतों में चुनौती दी गई और मुझे विश्वास है कि वे संवैधानिकता की परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं होंगे।