मऊ। पूरे देश भर के मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव संगठन एक दिवसीय हड़ताल पर थे। जिसके तहत मऊ जनपद के मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव संगठन भी हड़ताल पर रहे। जिसमें से उत्तर प्रदेश में लगभग तीस हजार कर्मचारी तथा पूरे भारत वर्ष में लगभग दो लाख कर्मचारी आज की हड़ताल में शामिल थे। पदाधिकारियों ने कहा कि हड़ताल में सरकार द्वारा जो मजदूरों को संविधान में जो अधिकार मिले हुए थे सरकार ने उसको कोड में बदल दिया। जिस की मजदूरों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। सरकार द्वारा कुछ नियम में बदलाव किया गया है जिससे कि सरकारी अस्पताल में मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव अपना प्रमोशन नहीं कर सकते। नए आदेश में सरकार ने पुंजिपतियों का हाथ मजबूत करने का काम किया है जिससे कि वह मजदूर को जब चाहे तब बिना किसी नोटिस को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर कर दे रहा है और जब चाहे तब अपने कर्मचारी को बिना पुर्वनोटिस काम से हटा दिया जा रहा है। मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों कि मांग थी कि जो भी कर्मचारी काम कर रहे हैं ऊनका न्यूनतम वेतन फिक्स होना चाहिए तथा उनके काम के जो घंटे 8 घंटे होने चाहिए। दावों पर जीएसटी खत्म करना चाहिए क्योंकि बहुत सारे लोग जिनका दवावों में बहुत सारा पैसा लगता है सरकार से हम यह मांग करते हैं की दवावों पर जीएसटी जीरो कर दिया जाए। जिससे कि मजदूर वर्ग के लोगों को फायदा मिल सके। आज के सोशल मीडिया के दौर में कंपनियां नहीं अपनी एंप्लॉई के ऊपर जीपीएस सिस्टम लगाकर उनके निजता का हनन कर रही है। कंपनियों के इस दबाव के कारण जोसेफ प्रमोशन इमले है वह हमेशा मानसिक तनाव में रहता है। जिसकी वजह से कंपनियों के दबाव में आकर बहुत सारे कर्मचारी आत्महत्या तक कर चुके हैं। 10 दिन पूर्व जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को एक विज्ञप्ति विधि जा चुकी है लेकिन सरकार का उसे पर कोई ध्यान नहीं गया। आज की हड़ताल में मुख्य रूप से पियूष उपाध्याय, अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह, विनय तिवारी, राजीव सिंह, विजय राय, तेज प्रताप तिवारी, चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, आरपी सिंह, पंकज शर्मा, विनय सिंह, शादाब अंसारी, सरफराज अहमद, शशि राय, नंदलाल, संजय गिरी, सुधाकर पांडे, आशीष गुप्ता, आशीष श्रीवास्तव व सुधांशु कुमार पांडेय आदि सैकड़ो लोग शामिल थे।