देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। नव प्रवाह साहित्यिक मंच मधुपुर सोनभद्र के तत्वावधान में गत मंगलवार की देर शाम कवि गोपाल कुशवाहा शिक्षक के आवास पर उनके पिता जी की पुण्यतिथि पर शोक सभा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली व मीरजापुर के कवि व शायर शिरकत किए।
कौमी एकता को समर्पित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम स्वर्गीय राम सूरत कुशवाहा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर राजाराम सिंह, राम किसुन यादव, काशी नरेश सिंह, डा छोटेलाल ने प्रकाश डाला। तदोपरांत कवि सम्मेलन का प्रारंभ डाक्टर छोटेलाल द्वारा पितृ वंदना बाउ से बढ़के कोई ना जहान में से किया गया। उसके उपरांत शहीद स्थल करारी प्रमुख कवि प्रदुम्न त्रिपाठी ने कहा कि बंदूक, तोप, खंजर की बात मत करिए, खूनी मंजर की बात मत करिए, रहें मिलजुल सभीं आदमी बनकर बहार खिलती रहे बंजर की बात मत करिए सुनाकर सारगर्भित संदेश दिया। श्याम सोनभद्री ने कहा सभी जो आदमी है आदमी तो हो नहीं सकते तभी हैं आदमी जब आचरण किरदार जिंदा है सुनाय। अजय कुमार विमल ने धनवानों
की चौखट पर इंसाफ पड़ा मुफलिस सिर्फ अदालत दफ्तर करते हैं को सुनाया। इसी तरह अन्य कवियों ने भी एक से बढ़कर एक कविताओं की प्रस्तुति दी। इस मौके पर गोपाल सिंह कुशवाहा, यथार्थ विष्णु, कौशल्या चौहान, प्रमोद कुमार निर्मल, धर्मेश चौहान, राजेश कुमार, अशोक प्रियदर्शी सुधाकर देशप्रेम, नागेंद्र नाथ, राजकुमार, अनिल कुमार, दिनेश कुमार, प्रमोद कुमार, धनेश प्रजापति, मनीष कुमार सिंह, राहुल सिंह कुशवाहा, प्रदुम्न त्रिपाठी, गोपाल सिंह कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
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