देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चतरा परिसर में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा जीएस यादव ने कहा कि यह एक वैश्विक जागरूकता अभियान है, जिसका उद्देश्य आत्महत्या को रोकने के विषय में जागरूकता बढ़ाना और प्रभावित लोगों की मदद करना है। उन्होने बताया कि आत्महत्या एक बहुत बड़ा कदम होता है जो व्यक्ति तब लेता है, जब वह पूरी तरह से हताश-निराश हो जाता है। उसे कही से कोई भी आशा की किरण नजर नहीं आती है। यह अवसर हताशा-निराशा से जूझ रहे लोगों के बीच आशा की किरण जगाने का एक मौका है। आत्महत्या के कारणों को समझने और इसे रोकने के तरीकों पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि आत्महत्या की प्रवृत्ति के पीछे अवसाद, चिन्ता, अकेलापन, वित्तीय समस्याएं और आपसी रिश्तों की समस्याएं प्रमुख है। इसके अलावां प्रतिस्पर्धा, सामाजिक दबाव और बदलती जीवन शैली भी बड़ा कारण है। समय पर मदद के साथ हम कई जिन्दगियों को बचा सकते हैं। आत्महत्या के शुरूआती चेतावनी के संकेतो को पहचान कर, बातचीत को सामान्य बनाकर, घर, शैक्षणिक संस्थानों एवं कार्यस्थल पर ऐसे माहौल को बढ़ावा देकर जहां लोग खुलकर बाते कर सकें या मदद लेने के लिए सहज महसूस कर सकें, जिससे आत्महत्या को रोका जा सकता है। एक समाज के रूप में हम एक साथ खड़े होकर यह सुनिश्चित कर सकते है कि किसी को भी यह न लगे कि उसे अपना दर्द चुपचाप सहना है। यू-टर्न लेने का मतलब हार मान लेना नहीं है, इसका मतलब है एक नया रास्ता चुनना जो जीवन और उपचार की ओर ले जाए। उन्होने बताया कि मानसिक समस्याओं के उपचार एवं परामर्श के लिए मेडिकल कालेज के कमरा नं 18 (मन कक्ष) तथा टेलीमानस हेल्पलाइन नं0 14416 पर सम्पर्क कर सकते है। डा कीर्ति आजाद बिन्द उप मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि आधुनिकीकरण के इस दौर में बदलती जीवन शैली अति महत्वाकांक्षाएं, भौतिक सुख सुविधाओं की लालसा तथा कार्य स्थल पर दबाव लोगों में तनाव उत्पन्न कर रहा है, जिसका उपचार समय से न किया जाए तो यह आत्महत्या का कारण बन जाता है। हमें एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर वृहद रूप से आत्महत्या जागरूकता अभियान चलाना एक नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है। शिविर में लगभग 163 रोगियों का स्क्रीनिंग कर उनका उपचार किया गया। इस मौके पर डा शुभम त्रिपाठी, डा राहुल मिश्रा, सौरभ सिंह, संजीत सिंह आदि मौजूद रहे।