देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। स्वास्थ्य विभाग के हुक्मरानों की रहमोकृपा पर जुगाड़ सिस्टम से संचालित प्राइवेट अस्पतालों में गलत उपचार से मरीजों की मौत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। महज डेढ़ माह के भीतर जिला मुख्यालय के प्रमुख शहर सोनभद्र नगर में संचालित तीन अलग-अलग अस्पतालों में तीन महिलाओं की हुई मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुंभकर्णीय निद्रा ले रहे हैं। जबकि इन तीनों घटनाओं में मृतकों के परिजनों द्वारा अस्पताल परिसर में हंगामा कर संबंधित चिकित्सक पर गलत उपचार-आपरेशन का आरोप लगा गया है।
नगर के सहारा हास्पिटल में भर्ती नसीरा बेगम उम्र 40 वर्ष पत्नी मुमताज निवासी जोगिनी थाना करमा की बुधवार की सुबह मौत हो गई। उसे बच्चेदानी में गांठ के आपरेशन के लिए भर्ती कराया गया था। मृतका के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में आपरेशन से पूर्व नसीरा बेगम को ब्लड चढ़ाया जा रहा था। ब्लड चढ़ाने के दौरान उसकी हालत बिगड़ने लगी। बाद परिजन अस्पताल के चिकित्सकों से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर कोई चिकित्सक नहीं मिले। अस्पताल के अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी उनके मरीज का देखभाल कर रहे थे। परिजनों का आरोप है कि ब्लड चढ़ाने में बरती गई लापरवाही से नसीरा बेगम की सहारा अस्पताल में ही मौत हो गई। बाद अस्पताल के चिकित्सक ने जबरजस्ती उन्हें मरीज के साथ एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेज दिया। उधर इस घटना से आकोशित मृतका के परिजनों ने जिला अस्पताल परिसर में सहारा हास्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को किसी प्रकार से समझा-बुझा कर उनका गुस्सा शांत कराया। बाद शव को अंत्य परीक्षण के लिए भेज दिया गया। समाचार लिखे जाने तक स्वास्थ्य विभाग के हाकिम उक्त अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीड़ित परिजनों की शिकायत के इंतजार में बैठे रहे। घटना को लेकर सीएमओ अश्वनी कुमार को फोन कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन तक रीसिव करना शायद जरूरी नहीं समझा। उधर कोन थाना क्षेत्र में भी एक प्राइवेट अस्पताल में अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाए गए इंजेक्शन से
युवक की मौत हो गई। बाद घटना से आक्रोशित आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।