देवल संवाददाता, आजमगढ़। जनपद में स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताओं और अवैध वसूली के गंभीर आरोपों ने हड़कंप मचा दिया है। भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह ने 31 जून 2025 को तत्कालीन सीएमओ डॉ. अशोक कुमार और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद चौधरी पर निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी केंद्रों से धमकी देकर अवैध वसूली, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग में अनियमितता, पुलिस भर्ती में मेडिकल जांच के नाम पर धन उगाही और फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के जरिए जनपद में लंबे समय तक तैनाती जैसे आरोप लगाए थे।
जिलाधिकारी रवींद्र कुमार के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना, डीडीओ संजय कुमार सिंह और सीटीओ अनुराग श्रीवास्तव की जांच समिति ने इन आरोपों की जांच की। जांच रिपोर्ट में कई आरोप सही पाए गए। विशेष रूप से, डॉ. अरविंद चौधरी द्वारा निजी अस्पतालों पर अनैतिक दबाव बनाकर अवैध वसूली की बात सामने आई। इसके अलावा, शासनादेश के विपरीत 19 अक्टूबर 2023 के आदेश को आधार बनाकर आउटसोर्सिंग एजेंसी अवनी परिधि को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए आदेशित करना भी संदिग्ध पाया गया।
जांच में यह भी उजागर हुआ कि वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में डॉ. अरविंद चौधरी को नोडल अधिकारी बनाया गया, जिसके तहत उन्होंने नियमित जांच तो की, लेकिन न तो मानकों का पालन किया गया और न ही अभिलेख रखे गए। पुलिस भर्ती में मेडिकल जांच के आरोपों में कोई गड़बड़ी नहीं मिली, जिससे सरकार इस मामले में क्लीन चिट पाती दिख रही है।
जिलाधिकारी ने 28 जुलाई 2025 को प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉ. अरविंद चौधरी के गैर-जनपद स्थानांतरण और अन्य आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश की है। पूर्व सीएमओ डॉ. अशोक कुमार सेवानिवृत्ति के बाद मंडलीय जिला चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी के पद पर चले गए हैं, लेकिन डॉ. अरविंद चौधरी अभी भी निजी अस्पतालों पर कार्रवाई का खेल जारी रखे हुए हैं। अब देखना होगा कि शासन इस जांच रिपोर्ट पर कब और क्या कार्रवाई करता है।