देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। कृषकों की आय दोगुनी करने का दंभ भरने वाली सूबे की भाजपा सरकार में भी जिले के किसान इन दिनों उर्वरक (खाद) के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। धान की रोपाई होने के बाद खेतों में समय से खाद का छिड़काव न होने से फसल पर असर पड़ रहा है। सहकारी समितियों से खाद न मिलने से परेशान किसान बाजार से अधिक रेट पर उर्वरकों की खरीद कर रहे हैं।
यूरिया खाद न मिलने से आक्रोशित किसानों ने सोमवार को कोन ब्लाक के कचरनवा लैंपस के पास बेमियादी चक्काजाम कर दिया। इससे कचनरवा कोन मार्ग पर करीब आधे घंटे तक यातायात बाधित
रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित किसानों को कड़ी मशक्कत के बाद किसी प्रकार से समझा-बुझा कर उनका गुस्सा शांत कराया। किसानों ने बताया कि कोन ब्लाक क्षेत्र के सहकारी साधन समितियों से यूरिया खाद न मिलने से उनकी फसल बर्बाद हो रही है। तमाम शिकायतों के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। मजबूरी में वे बाजार से अधिक रेट पर खाद की खरीद कर रहे हैं। बताया कि कचनरवा बाजार में खुली उर्वरक की दुकानों के दुकानदार करीब 266 रूपए प्रति बोरी मिलने वाली यूरियों को 600 से 700 रूपए प्रति बोरी के हिसाब से बेच रहे हैं। यहीं हाल डीएपी खाद का भी है। करीब 1350 रूपए प्रति बोरी मिलने वाली डीएपी खाद को 16 से 17 सौ रूपए प्रति बोरी के हिसाब से बेचा जा रहा है। विरोध करने पर दुकानदारों द्वारा साफ शब्दों में खाद देने से मना कर दिया जाता है। पैसे के अभाव में तमाम किसान खाद की खरीद नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी फसल बर्बाद हो रही है।