आमिर, देवल ब्यूरो ,बदलापुर, जौनपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा चलाए गए अभियान जो मुख्य रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत और मध्यस्थता अभियान पर केंद्रित हैं, पर विधिक साक्षरता जागरूकता सेमिनार जनपद न्यायाधीश अनिल वर्मा की अध्यक्षता और सचिव पूर्णकालिक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिंह की देख—रेख में स्थानीय तहसील परिसर में हुआ।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव पूर्ण करने प्रशान्त सिंह ने मध्यस्थता और राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला और अधिक से अधिक वादों का निस्तारण मध्यस्थता द्वारा और राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन निस्तारित करने पर बल दिया। साथ ही बताया कि प्राधिकरण में पीड़ित महिलाओं, लड़कियों और सहित अन्य वर्गों के लिए निशुल्क सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा उन्होंने प्राधिकरण के कार्य और उद्देश्यों पर भी विस्तारपूर्वक बताते हुए सुलह द्वारा सभी सुलह योग्य मुकदमों के निस्तारण के लिये आह्वान किया।कार्यक्रम का संचालन करते हुये डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डा. दिलीप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को वैकल्पिक न्याय प्रणाली के रूप में 1980 के दशक में बनाया गया जिसके मुख्य दिशा निर्देशक जस्टिस पीएन भगवती और जस्टिस वी कृष्णा अय्यर थे। उन्होंने बताया कि किस तरह से संपूर्ण भारत के हर जनपद में स्थापित प्राधिकरण में मध्यस्थ पैनल लॉयर, काउंसलर डिफेंस, लीगल सिस्टम, पैरालीगल, वॉलिंटियर फ्रंट, ऑफिस वैवाहिक प्री लिटिगेशन वाद सहित अन्य से किस प्रकार निशुल्क सहायता और जागरूकता प्राप्त की जा सकती है।
काउंसलर देवेन्द्र यादव ने फ्रंट पैनल सिस्टम परिवार न्यायालय में काउंसलिंग सिस्टम और सुलह द्वारा मुकदमों के निस्तारण के बारे में बताते हुए कहा कि किस तरह पीड़ित और प्रताड़ित लोग प्राधिकरण में आकर निशुल्क सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। पारिवारिक प्रताड़ना और तेजाब इत्यादि से पीडित किस प्रकार सहायता कर सकते हैं, इन सभी बारे में भी बताया।
इस अवसर पर प्रशान्त सिंह सचिव पूर्णकालिक, डॉ दिलीप सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल, देवेंद्र सिंह पैनल लॉयर, काउंसलर, अधिवक्तागण, चंद्रावती निगम पैरा लीगल वॉलिंटियर सहित अन्य विभागों की महिला कार्यकर्ता, पीएलवी, प्राधिकरण के सुनील मौर्य, तहसीलदार कार्यालय के कर्मचारीगण, वादकारीगण आदि उपस्थित रहे।