आमिर, देवल ब्यूरो ,खुटहन, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बड़सरा गांव में आयोजित सत्संग सभा को संबोधित करते हुए हुए जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज जी महराज ने कहा कि जन्म जन्मांतर के सत्कर्मों के फल स्वरूप यह मानव तन मिला है। मांस, शराब और ब्याभिचार अपना कर इस पवित्र देह को व्यर्थ न गंवाएं। फिर से यह शरीर पाने के लिए कई लाख योनियों में भटकना पड़ेगा। गृहस्थ आश्रम का पालन करते हुए बाकी समय भगवान के स्मरण में लगाएं। तभी मुक्ति संभव है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य खुद को सर्वज्ञ मान क्षणिक सुखों को ही वास्तविक सुख मान लिया है। उसे अज्ञानता वस मांसाहार, शराब और ब्याभिचार में ही सुख दिखाई दे रहा है, जबकि यही उसके दुखों का मूल है। इसका ज्ञान उसे तब होगा जब वह समर्थ सद्गुरु की शरण में जायेगा। उन्होंने कहा कि शाकाहारी, सदाचारी और नशामुक्त व्यक्ति अहिंसा का पुजारी होता है, जिसे ईश्वर प्राप्ति का प्रथम सोपान माना जाता है। आगे कहा कि यदि लोगों ने अपराध और हिंसा नहीं छोड़ी तो देश पर भारी संकट आ सकता है। बहुत देशों में टकराव हो चुका है। यहां नफरत के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। इस मौके पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, अरुण वर्मा, भारत यादव, शिव प्रसाद गुप्ता, राम अकबाल प्रजापति, सूर्यकांत मिश्र, चंद्रभान गुप्ता आदि मौजूद रहे।