नामीबिया की संसद में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिभाषण उनकी तरफ से विदेशी संसद को संबोधित करने का 17वां मौका था। इसके पहले किसी भी अन्य भारतीय प्रधानमंत्री ने इतनी ज्यादा बार विदेशी संसद को संबोधित नहीं किया।
दूसरा स्थान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का है
कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों को मिला दें तो उन्होंने कुल मिलाकर 17 बार विदेशी संसद को संबोधित किया है। पीएम मोदी के बाद दूसरा स्थान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का है जिन्होंने सात बार दूसरे देशों की संसद को संबोधित किया।
इंदिरा गांधी ने चार बार, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तीन बार, राजीव गांधी ने दो बार, नरसिंह राव ने एक बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। यह बताता है कि वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी भारतीय राजनीति के सबसे मान्य हस्ताक्षर हैं।
पीएम मोदी ने हर तरह के देशों की संसद में भारत की बात रखी
संभवत: प्रधानमंत्री मोदी उन वैश्विक नेताजी की शीर्ष पंक्ति में हैं जिन्होंने हर महादेश में और हर तरह के देशों की संसद में भारत की बात रखी है। यह वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत होती छवि और भारत के बढ़ते प्रभाव को भी बताता है।
अपनी पांच देशों की यात्रा में भी मोदी ने इस बार तीन देशों त्रिनिदाद एवं टोबैगो, घाना और नामीबिया के संसद को संबोधित किया। घाना के सांसद तो भारतीय प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के लिए भारतीय परिधान पहनकर संसद पहुंचे थे।
इन संसदों में पीएम मोदी ने किया संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2014 में ऑस्ट्रेलिया, फिजी, भूटान और नेपाल की संसद को; वर्ष 2015 में ब्रिटेन, मंगोलिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस की संसद को; वर्ष 2016 में अमेरिका के संयुक्त सदन को, वर्ष 2018 में यूगांडा की संसद को; वर्ष 2023 में फिर से अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था।