देवल संवादाता,वाराणसी।बीएचयू में संसदीय समिति की 3.40 घंटे बैठक चली। कार्यवाहक कुलपति उपलब्धियां गिनाते रहे तो दूसरी ओर समिति के सदस्य विश्वविद्यालय की 10 से ज्यादा कथित खामियों पर जवाब मांगते दिखे। कार्यवाहक कुलपति प्रो. संजय कुमार से कहा गया कि रिसर्च सिर्फ फेलोशिप तक ही सीमित न रहे बल्कि जमीन पर भी उतरे।
सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर के मामले में 45 मिनट लंबी बहस चली। एग्जीक्यूटिव काउंसिल, बाउंसरों, आईओई फंड को लेकर कार्यवाहक कुलपति से तीखे सवाल किए गए। बीएचयू समेत अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के बैठक के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि गोपनीय रिपोर्ट संसद में रखी जाएगी।
मंगलवार को शिक्षा, महिला, बाल युवा और खेल संबंधी संसदीय समिति का दौरा हुआ। मुख्य द्वार और मालवीय भवन में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह का स्वागत हुआ। शाम 5 से रात 8.40 बजे तक बैठक के बाद सांसद और टीम ने ''सीडीसी भवन'', आईआईटी बीएचयू के ''छात्र गतिविधि केंद्र'' और ''प्रिसिजन इंजीनियरिंग हब का दौरा किया।
जेम पोर्टल खरीद में धांधली के आरोप में क्या कार्रवाई की गई
बैठक की शुरुआत वीसी के प्रेजेंटेशन से हुई। उन्होंने कहा कि समय से परीक्षा कराई जा रही और परिणाम जारी किए जा रहे हैं। ये भी कहा कि कुलपति का कार्यकाल 5 साल का हो। वहीं आने वाले 50 साल को देख इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आईओई फंड का इस्तेमाल हो। जब रिसर्च की उपलब्धियां गिनाईं गईं तो संसदीय समिति की ओर से कहा गया कि कितने रिसर्च जमीन पर उतरते हैं। रिसर्च कर और फेलोशिप देकर जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती। संसदीय समिति की ओर से सबसे पहला कहा गया कि ट्रॉमा सेंटर के खिलाफ ढेर सारी शिकायतें आईं हैं। जेम पोर्टल खरीद में धांधली के आरोप में क्या कार्रवाई की गई। ये भी कहा कि ट्रॉमा सेंटर में इतना लंबा कार्यकाल और बाउंसरों का क्या काम है।
यूपी में बीएचयू से संबद्ध कोई कॉलेज क्यों नहीं
एक सदस्य ने कहा कि यूपी में बीएचयू से संबद्ध और कॉलेज क्यों नहीं है। महिला सदस्यों ने कहा कि महिला अपराधों को लेकर असंवेदनशीलता क्यों है। ये सभी मामले संसद भवन में उठाए जाएंगे। 33 सलाहकारों और बिना एक्सयूटिव काउंसिल के नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए गए। पूछा कि तीन साल से डीएवी में प्रिंसिपल क्यों नहीं है। आईएमएस बीएचयू के निदेशक से भी कई सवाल जवाब हुए। कहा कि शिकायतों के मामले से उन्हें बाहर कर दिया जाता है।
नवाचारों की भी समीक्षा, आईआईटी भी गए
सीडीसी भवन के अटल इन्क्यूबेशन सेंटर में दिग्विजय सिंह ने स्टार्टअप के विकास, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने संबंधी कार्यों की समीक्षा की। छात्रों और युवा उद्यमियों को दिए जा रहे समर्थन और नवाचारों की सराहना की। संचालकों ने बताया कि यह केंद्र स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन, फंडिंग, नेटवर्किंग और तकनीकी सहायता देता है। आईआईटी बीएचयू पहुंचे दिग्विजय सिंह और सदस्यों ने निदेशक प्रो. अमित पात्रा से मुलाकात की। प्रो. पात्रा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नए शैक्षणिक कार्यक्रम, रिसर्च कल्चर, हाईटेक अनुसंधान और विकास गतिविधियों के साथ ही बेहतर प्लेसमेंट दिए जा रहे हैं। अंत में स्मृति चिह्न भेंटकर कमेटी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
बैठक में ये रहे
स्थायी समिति के सदस्यों में संसद सदस्य बिकास रंजन भट्टाचार्य, डॉ. भीम सिंह, राजीव राय, रेखा शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, अमरदेव शरददाव काले, डॉ. हेमांग जोशी और शोभनाबेन महेंद्र सिंह बरैया बैठक में मौजूद रहे। शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड, कानपुर, केंद्रीय विवि इलाहाबाद, मोतीलाल नेहरू एनआईटी, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के साथ ही काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी भी मौजूद रहे।