देवल संवादाता,वाराणसी।मिर्जापुर जिले का चुनार किला पर्यटन के नक्शे पर हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करेगा। सरकार चुनार के किले को पूर्वांचल के पहले हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने जा रही है। इससे न केवल इस ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण होगा, बल्कि प्रदेश में पर्यटन उद्योग को भी नया क्षितिज मिलेगा। हेरिटेज होटल पीपीपी मॉडल पर तैयार होगा।
पूर्वांचल के लोगों को अब डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए दूसरे प्रदेशों में नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश सरकार वाराणसी से महज कुछ ही किलोमीटर दूर पड़ोस के जिले मिर्जापुर के चुनार के किले को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित कर रही है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र रावत ने बताया कि एमआरएस कंपनी देश में कई हेरिटेज होटलों का संचालन करती है, वह चुनार के किले को हेरिटेज होटल रिस्टोर कर बनाएगी।
150 करोड़ खर्च होगा
किले के मूल स्वरूप को संजोते हुए पुनर्निर्माण किया जाएगा। 100 कमरे वाले हेरिटेज होटल के निर्माण में लगभग 150 करोड़ खर्च होगा। जल्द ही सभी औपचारिकताएं पूर्ण करके सरकार चुनार के किले को रिस्टोर तथा संचालन करने वाली कंपनी को हैंडओवर करेगी। पूर्वांचल का यह बड़ा पहला हेरिटेज होटल लगभग दो वर्ष में बनकर तैयार होना प्रस्तावित है।
उपनिदेशक पर्यटन ने बताया कि पर्यटकों को चुनार के किले के इतिहास के साथ ही उत्तर प्रदेश की लोककला, खानपान, हस्तकला और संस्कृति भी देखने को मिलेगी, जिससे इनकी पहचान दुनिया में फैलेगी। इसका लाभस्थानीय लोगों को भी मिलेगा। किले तक क्रूज के माध्यम से भी पहुंचा जा सकता है, जिससे रिवर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। यहां वेलनेस सेंटर, बैंक्वेट हॉल, जैसी आधुनिक सुविधाएं भी होंगी।
क्या कहते हैं अधिकारी
चुनार किले को संरक्षित करते हुए वहां एक होटल बनाया जा रहा है। वह पूर्वांचल का सबसे आकर्षक होटल होगा। यह वेडिंग डेस्टिनेशन का हब होगा, क्योंकि पिछले कुछ साल में वाराणसी लग्जरी वेडिंग टूरिज्म के लिए तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। 100 कमरों वाला होटल और मां गंगा का किनारा अपने आप में अनुठापन दर्शाता है। राहुल मेहता, प्रदेश अध्यक्ष, दूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन