शिवांश, ब्यूरो चीफ, देवल ।गाजीपुर। दिव्य ज्योति जाग्रती संस्थान का शाखा गोरखपुर के माध्यम से लहुरी काशी मैरिज हाल, चंदन कॉलोनी जिला गाजीपुर होते हुवे चौराहों और मंदिरों से होते हुवे संस्थान का प्रकल्प बोध के तहत संकल्प quit करो अभियान चलाया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत रैली को संबोधित करते हुए दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी अर्जुनानंद जी ने ने कहा ,नशे की लत भारत के युवाओं और सामाजिक-आर्थिक संरचना के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। नशा तस्करी से नज़दीकी, शहरीकरण, साथियों का दबाव और जागरूकता की कमी जैसे कारणों के चलते नशे के मामलों में तीव्र वृद्धि देखी गई है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की 2019 की रिपोर्ट ‘Magnitude of Substance Use in India’ के अनुसार, 15 से 24 वर्ष के युवा कैनाबिस, ओपिओइड्स और शराब की लत से सबसे अधिक प्रभावित हैं। नशीले पदार्थों की आसान उपलब्धता और सामाजिक उपेक्षा इस संकट को और बढ़ा रही है। इस समस्या के समाधान हेतु, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) ने अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘बोध’ – नशा उन्मूलन प्रकल्प के माध्यम से ‘संकल्प अभियान’ की शुरुआत की है। यह अभियान जिसका उद्देश्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों और समुदायों को जोड़कर युवाओं को सशक्त बनाना और नशामुक्त समाज का निर्माण करना है। DJJS एक सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है, जो पिछले तीन दशकों से शिक्षा, जागरूकता और जमीनी हस्तक्षेपों के माध्यम से समाज की गंभीर समस्याओं को संबोधित कर रहा है। यह संगठन संयुक्त राष्ट्र के UNODC (Project G86, 2007) और Intel India (2011) जैसी संस्थाओं के साथ प्रभावशाली साझेदारियों का अनुभव रखता है। इन प्रयासों से स्कूलों, कार्यस्थलों और समुदायों में नशा के प्रति जागरूकता लाई गई है। संकल्प अभियान, DJJS के वर्षों के अनुभव और वालंटियर नेटवर्क की ताकत के साथ भारत में नशे की गंभीर समस्या का समाधान करने का एक संगठित प्रयास है। यह सरकार, शिक्षा संस्थानों और समाज के संयुक्त सहयोग से एक नशामुक्त भारत के निर्माण की ओर एक ठोस कदम है। रैली को संबोधित करते हुए स्वामी जी ने कहां समाज में केवल बातों से, गोष्ठियों से परिवर्तन नहीं आएगा बल्कि आध्यात्मिक जन जागरण की भी आवश्यकता है ।दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में चल रहा नशा मुक्ति अभियान में यूं ही सफल परिणाम नहीं आए बल्कि गुरुदेव की कृपा से संस्थान के संपर्क में आने वाले सब को शास्त्रों पर आधारित वह ब्रह्म ज्ञान भी प्राप्त हुआ अर्थात ध्यान का सशक्त माध्यम भी प्राप्त हुआ जिसके कारण से समाज में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ । समाज की समस्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए एक पूर्ण संत द्वारा मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ।जब जब भी समाज अनेक बुराइयों में चला गया तब कोई सच्चा संत ही उन समस्त बुराइयों को सफलतापूर्वक समाप्त कर पाए हैं जैसे आज दिव्या गुरु श्री आशुतोष महाराज जी इस दिव्य कार्य को कर रहे हैं।