भारत-पाक में सीजफायर के एलान के बाद दोनों देशों में हालात सामान्य हो गए हैं। बीती रात जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में भी शांति बनी रही। सीजफायर के एलान से पहले अमेरिका ने दावा किया कि ये सब उसने करवाया, लेकिन इसके पीछे की कहानी कुछ और ही है।
परमाणु जखीरे का था पाक को डर
दरअसल, पाकिस्तान के हमलों के बाद जब भारतीय सेना ने जवाबी हमले किए तो उसकी जद में पाक के परमाणु जखीरे आने वाले थे, जिससे घबराया पाकिस्तान सीजफायर के लिए हाथ जोड़ने लगा। बीते दिन सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ये बात साफ हुई।
इस कारण सीजफायर के लिए जोड़े हाथ
सेना ने जैसे ही पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे नूर खान एयरबेस के पास हमले किए, पाकिस्तान की मानो हालत खराब हो गई।
ऐसा इसलिए, क्योंकि नूर खान एयरबेस के पास ही पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर है। भारत के सटीक हमले में नूर खान ऐयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया।
उधर, परमाणु कमांड सेंटर के भारतीय मिसाइल के जद में आने के खतरे ने पाक की नींदे हराम कर दी। माना जा रहा है कि इसी कारण पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारत को फोन करके सीजफायर की बात की।
अब भी दबाव में पाक
सीजफायर के बाद भी भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को निलंबित करने से लेकर लंबे समय तक कूटनीतिक और आर्थिक नाकेबंदी पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगा। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जिस परमाणु जखीरे पर पाकिस्तान को नाज था और भारत को बार-बार गीदड़ भभकी देता था, वह भारतीय मिसाइलों की जद में आ गया था।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर रावलपिंडी के चकलाला में नूर खान एयरबेस है। यहां पर पाकिस्तानी एयरफोर्स का एयर मोबिलिटी कमांड का सेंटर है। रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे इस अहम एयरबेस से सभी लड़ाकू विमानों और ड्रोन हमलों का नियंत्रण किया जाता है।
तो परमाणु हथियार हो जाते नाकाम
पिछले दिनों भारत में हुए मिसाइल और ड्रोन हमले इसी एयरबेस से किये गए थे। इसी के पास नेशनल कमांड अथोरिटी की बिल्डिंग भी है, जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की देखरेख करता है। इसे पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर भी कहा जाता है।
10 मई की सुबह भारत ने नूर खान एयरबेस पर सटीक हमला किया। माना जा रहा है कि इस हमले में ब्रम्होस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था।
पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को धत्ता बताकर किये गए हमले ने नूर खान एयरबेस में भारी तबाही मचाई।
जनरल मुनीर की हालत हो गई थी खराब
इसी हमले ने पाकिस्तान सेनाध्यक्ष जनरल मुनीर से लेकर सेना के शीर्ष अधिकारियों और राजनीतिक आकाओं में सिहरन पैदा कर दी। परमाणु कमांड सेंटर के नष्ट होने के बाद पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, जिसकी धमकी वह भारत को लगातार देता रहा है और 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही परमाणु युद्ध की धमकी दिखाकर दुनिया से भारत को रोकने की अपील करता रहा है। लेकिन पहली बार पाकिस्तान को अहसास हुआ कि भारत उसके परमाणु हथियारों को नाकाम करने में भी सक्षम है।