भारतीय क्रिकेट टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी-2025 के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में चार मार्च यानी मंगलवार को भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से है। ये वही ऑस्ट्रेलिया है जिसने भारत को आईसीसी टूर्नामेंट्स में कई बार जख्म दिए हैं। फिर चाहे 2003 का वर्ल्ड कप का फाइनल हो या फिर 2023 वर्ल्ड कप का फाइनल। इसलिए डर इस बार भी है। लेकिन इस बार भारत की जीत तय मान कर चलिए।
ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना तोड़ा था। बात 19 नवंबर 2023 की है जब अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पैट कमिंस की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया ने रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम को वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में मात दी थी। ये दर्द आज भी भारतीय फैंस को सताता है और इसलिए जब चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ंत तय हुई तो भारतीय फैंस फिर डर में हैं। हालांकि, इस बार घबराने की बात नहीं है।
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का जलवा
इसका कारण चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के हेड टू हेड आंकड़े हैं। आईसीसी के इस इवेंट में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें कुल चार बार टकराई हैं जिसमें से दो बार भारत को जीत मिली है वहीं एक मैच ऑस्ट्रेलिया के हिस्से में गया है जबकि एक मैच का परिणाम नहीं निकल सका था।
ये आंकड़े भारतीय फैंस के लिए खुशी वाले हैं और राहत दे सकते हैं। टीम इंडिया के फैंस उम्मीद करेंगे कि इस बार भारतीय टीम अपने आंकड़ों के हिसाब से खेल दिखाए और जीत हासिल करते हुए फाइनल तक का सफर तय करे।
वर्ल्ड कप में क्या है रिकॉर्ड
वहीं चैंपियंस ट्रॉफी के अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे वर्ल्ड कप में खेले गए मैचों के आंकड़े देखे जाएं तो यहां ऑस्ट्रेलियाई टीम हावी है। यहां दोनों टीमों के बीच 14 मैच खेले गए हैं जिसमें से नौ मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं और पांच भारत ने जीते हैं। इसमें दो बार भारत को वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में मिली हार भी शामिल हैं।
क्या कहते हैं ओवरऑल आंकड़े
वहीं अगर इन दोनों टीमों के बीच वनडे में ओवरऑल आंकड़े देखे जाएं तो यहां भारतीय टीम और फैंस की चिंता बढ़ा जाएगी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा काफी भारी है। दोनों टीमों के बीच वनडे में हुए कुल 151 मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने 84 मैच जीते हैं। भारत ने 57 मैच अपने नाम किए हैं। वहीं 10 मैचों के परिणाम नहीं निकले हैं।
हालांकि, क्रिकेट में मायने मैच वाले दिन का खेल रखता है। ये दिन विशेष का खेल है और जो मैच वाले दिन अच्छा खेलेगा वो जीतेगा। इसलिए आंकड़ों पर टीमें ज्यादा निर्भर नहीं करेंगी और बेहतर खेलने पर ध्यान देंगी।