आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में चीन और अमेरिका के बीच चल रही जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के बीच ओपेनएआई के सैम अल्टमैन का कहना है कि भारत को इस सेक्टर का अगुआ होना चाहिए।
अभी तक इस सेक्टर में भारत की उपलब्धियों और सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए अल्टमैन मानते हैं कि एआई सेक्टर की किसी भी कंपनी के लिए भारत एक अहम बाजार है और उनकी कंपनी ओपेनएआई भी भारतीय बाजार को बहुत तवज्जो देती है।
अमेरिका और चीन के बीच जंग
अल्टमैन दो वर्षों बाद भारत तब आए हैं, जब चीन की कंपनी डीपसीक ने एआई में ओेपेनएआई के वर्चस्व को जबरदस्त चुनौती दी है। डीपसीक ने जिस स्तर की एआई सेवा की शुरुआत की है, उसे अमेरिका और चीन के बीच प्रौद्योगिकी को लेकर छिड़ी जंग के तौर पर भी देखा जा रहा है।
अल्टमैन मानते हैं कि भारत का एआई परिदृश्य पिछले दो सालों में काफी बदल गया है। पिछले एक वर्ष में भारत में एआई इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। एआई स्टैक, चिप्स, मॉडल्स हर क्षेत्र में भारत में काफी उन्नत किस्म के एप्लीकेशंस बनाए जा रहे हैं।
अश्विनी वैष्णव के साथ की बात
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भारत को एआई क्रांति में एक अहम केंद्र होना चाहिए। हालांकि अभी तक जो भारत ने किया है, वह काफी जबरदस्त है। अल्टमैन ने यहां भारत के संचार, सूचना प्रौद्योगिक क्षेत्र व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उनकी अल्टमैन के साथ एआई स्टैक से जुड़े जीपीयू, मॉडल्स, एप्लीकेशंस आदि में सहयोग पर बात हुई है। वह भारत के साथ इन सभी क्षेत्रों में सहयोग स्थापित करना चाहते हैं।
स्टार्टअप से की अपील
वैष्णव ने बताया कि उन्होंने अल्टमैन को एआई में भारत की मंशा भी बता दी है। यह मंशा है कि अभी जिस लागत पर एआई से संबंधित सेवा उपलब्ध कराई जा रही है, उससे भी बेहद कम कीमत पर एआई स्टैक को उपलब्ध कराना।
सनद रहे कि चीन की कंपनी डीपसीक ने लागत के मामले में ओपेनएआई को बहुत ही पीछे छोड़ दिया है। वैष्णव को भरोसा है कि भारतीय कंपनियां शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक में एआई के एप्लीकेशन को बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध कराने की प्रौद्योगिकी विकसित कर सकते हैं। उन्होंने भारत की स्टार्टअप कंपनियों को कहा कि वह एआई में प्रतिस्पर्धा को लेकर आगे आए।