कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।
उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में राम सुलीन सिंह, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार बुधवार को ड्वाकरा हाल, विकासखण्ड-कटेहरी, अम्बेडकरनगर में विधान से समाधान कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं के हितार्थ हेतु, महिलाओं के कानूनी अधिकार एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिक उत्पीड़न निवारण (पॉश एक्ट) एवं लिंग चयन और लिंग निर्धारण के निषेध (पी०सी०पी०एन०डी०टी० एक्ट) पर जन जागरूकता तथा लैंगिक समानता हेतु प्रावधानों का प्रचार-प्रसार एवं थर्ड जेण्डर के मौलिक अधिकार तथा आपदा पीड़ित का अधिकार एवं समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 तथा महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण से सम्बन्धित कानूनों के विषय में जागरूकता एवं महिला स्वच्छता व सेनेटरी नैपकिन से सम्बन्धित विषय पर विधिक साक्षरता / जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस साक्षरता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, लक्ष्मीकांत मिश्र, क्षेत्राधिकारी भीटी. स्वर्णलता सिंह, प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी, कटेहरी, घनश्याम वर्मा, संयुक्त खण्ड विकास अधिकारी, विकासखण्ड, कटेहरी, पुष्पा पाल, पी०एल०वी, प्रीती सिंह, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, राजेश तिवारी, डिप्टी चीफ, एल०ए० डी०सी०एस०, शरद पाण्डेय, असिस्टेंट, एल०ए०डी०सी०एस०, अंकिता सिंह, अध्यापिका, राजकीय विद्यालय, पहितीपुर, बा० स्वेता जायसवाल महिला चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र, कटेहरी, सुषमा मौर्य, महिला उपनिरीक्षक, महिला थाना, प्रतिभागी महिलायें, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, स्वंय सहायता समूह से महिलाये, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण एवं पी०एल०वी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्म भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समकक्ष माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। घनश्याम दर्मा, संयुक्त खण्ड विकास अधिकरी विकासखण्ड-कटेहरी, अम्बेडकरनगर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथिगण, प्रतिभागियों एवं श्रोतागण का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन पुष्पा पाल, पी०एल०वी/संचिय, जन शिक्षण केन्द्र, कुटियवां बेवाना द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ, नालसा थीम सांग तथा नालसा की योजनाओं तथा क्रियाकलापों से सम्बन्धित वीडियो क्लिप चलाकर किया गया। श्री लक्ष्मीकांत मिश्र, क्षेत्राधिकारी, भीटी द्वारा उपस्थित महिला प्रतिभागियों को एसिड अटैक, घरेलू हिंसा तथा मानव तस्करी तथा मोबाइल फोन पर अनजाने व्यक्ति के काल आने पर बरतने वाली सावधानियों के विषय में बताया गया। सुषमा मौर्य, उपनिरीक्षक महिला थाना द्वारा बताया गया कि मिशन शक्ति मिशन मोड एवं महिलाओं की सहायता हेतु संचालित हेल्पलाईन न० 112. 1090 एवं 1076 के बारे में भी बताया गया तथा साइबर क्राइम के सम्बन्ध में बताया गया कि आजकल डिजिटल / साइबर काइम बेहद तेजी से चल रहा है जिसके पीड़ित इसकी शिकायत जनदीकी थानों में जाकर कर सकते हैं तथा हेल्पलाईन न० 1930 की जानकारी भी दी गई। शरद पाण्डेय, असिस्टेंट, एल०ए०डी०सी०एस० द्वारा उपस्थित महिला प्रतिभागियों को कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिये 2013 में बनाये गये कानून जिसे पाश एक्ट यानी प्रिवेशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जाता है पर जानकारी देते हुये बताया कि किसी भी प्राईवेट सेक्टर, सरकारी या गैर सरकारी जिनमें महिलायें कार्य करती हैं। उसमें महिलाओं के कार्य स्थल पर लैगिंक उत्पीडन से सरंक्षण और लैगिंक उत्पीडन के परिवादों के निवारण के लिये प्राईवेट सेक्टर, सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में समिति बनाया गया है उन समितियों के तहत जो भी पीडित महिलायें होगी अपनी सूचना समिति को देगी और समिति उस पर कार्यवाही करेगी। कार्यस्थल पर महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न से बचाने के लिये आंतरिक परिवाद समिति व क्षेत्रीय परिवाद समिति का गठन किया गया है। समिति दो प्रकार की होगी आंतरिक एवं बाह्य। पी०सी०पी०एन०टी० एक्ट पर जानकारी देते हुये बताया कि लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, 1994 एक ऐसा अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिये लागू किया गया है। इस अधिनियम ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। कोई भी व्यक्ति जो प्रसव पूर्व गर्भाधान लिंग निर्धारण का विज्ञापन करता है या ऐसे किसी भी कार्य में संलग्न होता है तो उसे तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है। डा० स्वेता जायसवाल महिला चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र, कटेहरी द्वारा बताया गया कि मासिक धर्म स्वच्छता प्रबन्धन महिलाओं की भलाई का एक महत्वपूर्ण पहलू है और प्रत्येक महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन का उपयोग किया जाना चाहिये एवं उनके द्वारा सर्वाकल कैंसर के विषय तथा उससे बचाव के सम्बध में भी जानकारी दी गई। श्रीमती प्रीती सिंह, संरक्षण अधिकारी द्वारा उपस्थित सभी को शासन की कल्याणकारी योजनाओं तथा महिलाओं के हितार्थ संचालित हेल्पलाईन नम्बरों के बारे में भी जानकारी दी गई। श्रीमती अंकिता सिंह, अध्यापिका, राजकीय विद्यालय, महित्तीपुर, द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम का समापन भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा उपस्थित समस्त अधिकारीगण, सदस्य गण, एवं महिला प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन देते हुये किया गया एवं "विधान से समाधान कार्यक्रम की भूमिका व उद्देश्यों पर भी बात की गई। अपर जिला जज सचिव महोदय द्वारा थर्ड जेण्डर के अधिकार सशक्तीकरण, पॉश एक्ट, पी०सी०पी०एन०डी०टी० एक्ट, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं, एवं आमजन की सुविधा हेतु जारी हेल्पलाईन न० 15100 के विषय में विस्तारपूर्वक बताया गया, सचिव महोदय द्वारा यह भी बताया गया कि आमजन को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कार्यालय जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर में संचालित है एवं तहसील स्तर पर प्रत्येक तहसीलों में तहसील विधिक सेवा समिति की स्थापना की गई है। अतिरिक्त अपर जिला जज / सचिव, जि०वि०से०प्रा० द्वारा मध्यस्थता प्रक्रिया तथा मध्यस्थता के महत्व के सम्बन्ध में बताया गया कि मध्यस्थता द्वारा एक बढ़ने वाले मामले को शुरुआत में ही सुलह समझौता के माध्यम से समापा किया जा सकता है। एवं भारत में ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों को कानूनी तौर पर थर्ड जेण्डर की मान्यता दी गई है। उनका दर्जा किसी भी महिला या पुरुष के त्तमान ही है उनके पास भी समान अधिकार है जिसमें भारत के संविधान के तहत अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करने का अधिकार भी शामिल है। लैंगिक समानता महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकती है। आर्थिक समृद्धि के लिये यह आवश्यक है। जो समाज महिलाओं और पुरुषों को समान मानते हैं वे अधिक सुरक्षित और स्वस्थ हैं। लैंगिक समानता एक मानव अधिकार है।