देवल संवादाता,सदानंद पहसा। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज,अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र,पिलखी,मऊ पर आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस पर राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन किया गया। हर साल 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है,जिन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के कल्याण के लिए समर्पित किया। इस उत्सव के पीछे मुख्य उद्देश्य किसानों के समाजिक-आर्थिक विकास में योगदान को मान्यता देना और उनके कल्याण के लिए जागरूकता फैलाना है। इस बार के किसान दिवस का विषय (Kisan Diwas Theme) स्थायी कृषि के लिए किसानों को सशक्त बनाना रखा गया है। कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह के फोटो पर माला चढ़कर एवं पुष्प अर्पित कर के की गई। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ विनय सिंह ने बताया कि भारत रत्न चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ था। किसान परिवार में जन्मे चरण सिंह ने भारत की आजादी की लड़ाई में भाग लिया और इसके बाद भी वह लगातार किसानों के मुद्दों के लिए सक्रिय रहे। उनके कार्यों और नीतियों ने उन्हें किसानों के मसीहा के रूप में स्थापित किया। राष्ट्रीय किसान दिवस का मकसद भारतीय किसानों के योगदान को मान्यता देना और उनके जीवन में सुधार के लिए प्रयास करना है। इस दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। यह दिन किसानों को अपनी चुनौतियों और लक्ष्यों पर चर्चा करने का अवसर देता है। साथ ही,यह किसानों के संघर्षों को समझने और उनके समाधान खोजने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।