कृष्ण कुमार तिवारी ब्यूरो चीफ अंबेडकर नगर दैनिक देवल | इमरजेंसी कोविड रिस्पांस प्लान टू के तहत जिला अस्पताल को हाईटेक किए जाने की योजना पूरी तरह धराशायी हो गई है। लगभग एक वर्ष से कंप्यूटर वार्डाें में धूल फांक रहे हैं। मौजूदा समय में योजना के तहत केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का कार्य हो पा रहा है।दरसअल कोविड महामारी के दौरान मरीजों के इलाज में काफी मुश्किल हो रही थी। कारण यह कि पूर्व में चले इलाज का ब्यौरा न होने के चलते नए अस्पताल में इलाज में खासी मुश्किल हुई। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने ईसीआरपी योजना के तहत जिले के अस्पतालों को हाईटेक किए जाने का निर्देश जारी किया था। इसके तहत अस्पतालों में आने वाले मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ चलने वाली दवा, पैथाेलाॅजी जांच व रेफर के दौरान का विवरण दर्ज किया जाना था। जिससे किसी अन्य अस्पताल में इलाज के लिए जाने पर संबंधित मरीज का स्वास्थ्य ब्योरा रजिस्ट्रेशन नंबर डालने के बाद एक क्लिक पर सामने आ जाए।इस सुविधा के लिए लगभग एक वर्ष पूर्व जिला अस्पताल में 16 कंप्यूटर व ब्रॉडबैंड तो लगा दिए गए। लेकिन अब तक योजना का सुचारु रूप से संचालन नहीं हो सका है। जिला अस्पताल के मैनेजर डॉ. हर्षित गुप्त के अनुसार निदेशालय से अभी पूरा साॅफ्टवेयर नहीं मिल सका है जिससे योजना का संचालन नहीं हो पा रहा। अभी केवल मरीजों के रजिस्ट्रेशन का कार्य चल रहा है।बताते चलें कि मौजूदा समय में जिला अस्पताल में औसतन 17 सौ से 18 सौ मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आ रहे हैं। लगभग दो हजार मरीज ऐसे है जिनका बीते दिनों से इलाज चल रहा है। साथ ही प्रत्येक माह लगभग 490 से अधिक मरीजों की सामान्य व मेजर सर्जरी भी होती है।संचालन होता तो मिलता लाभ ईसीआरपी योजना का पूर्ण रूप से संचालन होता तो मरीजों को बड़ा फायदा होता। अकबरपुर नगर के सामाजिक कार्यकर्ता रेहान जैदी ने कहा कि योजना बहुत अच्छी है। लेकिन इसका विधिवत संचालन होने की भी जरूरत है। एक क्लिक में मरीजों समस्त विवरण मिल जाने से कई मुसीबतों से छुटकारा मिल जाता। राजेसुल्तानपुर के देवेश सिंह ने कहा कि कभी कभी मरीजों को रेफर के दौरान कई महत्वपूर्ण कागज जल्दबाजी में छूट जाते है जिसको लेकर इलाज में काफी मुश्किल होती है। यह व्यवस्था लागू होती तो इलाज मेंं काफी आसानी हो जाती। साॅफ्टवेयर आते ही होगा संचालनईसीआरपी योजना के तहत वार्डों में कंप्यूटर और ब्रॉडबैंड लगा दिए गए हैं। अभी केवल रजिस्ट्रेशन का कार्य चल रहा है। साॅफ्टवेयर आते ही पूरी तरह से योजना का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। -डॉ ओमप्रकाश, सीएमएस