आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) पर एक्शन लिया है। इस एक्शन में केंद्र बैंक ने वित्त संस्थान पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध तत्काल रूप से लागू हुआ है। दरअसल कंपनी पर हेरफेर और लोन मंजूरी का आरोप लगाया गया है। इन आरोपों के तहत आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल कंपनी को बैन करने का आदेश दिया है।मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) पर एक्शन लिया था। दरअसल, जेएम फाइनेंशियल पर हेरा-फेरी करने के आरोप लगे थे, जिसके तहत केंद्र बैंक ने यह एक्शन लिया था। आज इस एक्शन को लेकर जेएम फाइनेंशियल ने बयान जारी किया।कंपनी ने कहा कि उसके लोन सेंशन प्रोसेस में कोई कमी नहीं है। इसके अलावा कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई पर आरबीआई द्वारा जारी आदेश की सावधानीपूर्वक और विस्तृत समीक्षा के बाद हम दृढ़ता से मानते हैं कि हमारी लोन मंजूरी प्रक्रिया में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं है। इसके अलावा, कंपनी ने लागू नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।इसके आगे प्रवक्ता ने कहा कि जेएम फाइनेंशियल पिछले दो दशकों से आईपीओ को वित्त पोषित कर रहा है और इसका "आईपीओ फाइनेंसिंग प्रोडक्ट र्ट-टर् और स्व-परिसमापन प्रकृति का है।केंद्रीय बैंक ने जमा न लेने वाली एनबीएफसी को शेयरों और डिबेंचर के खिलाफ किसी भी प्रकार का फाइनेंसिंग करने से रोक दिया है, जिसमें शेयरों के आईपीओ के खिलाफ लोन की मंजूरी और वितरण के साथ-साथ डिबेंचर की सदस्यता भी शामिल है।हालांकि आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को सामान्य संग्रह और रिकवरी प्रोसेस के माध्यम से अपने मौजूदा लोन अकाउंट की सर्विस को जारी रखने की अनुमति दी है।बाजार नियामक सेबी (SEBI) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की सीमित समीक्षा की थी। इस सीमित समीक्षा के दौरान, अन्य बातों के साथ-साथ, यह देखा गया कि कंपनी ने उधार ली गई धनराशि का उपयोग करके अपने ग्राहकों के एक समूह को विभिन्न आईपीओ और एनसीडी पेशकशों के लिए बोली लगाने में मदद की है।