गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज मरीज माफिया के चंगुल से निकल ही नहीं पा रहा है। इस बार पुलिस ने नहीं बल्कि मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने पुलिस के साथ मिलकर जाल बिछाया और दो माफिया को दबोच लिया। पकड़े गए दोनों माफिया मरीज बनी एक महिला कर्मचारी के बुलाने पर मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे।एंबुलेंस की जगह कार से आए दोनों पर दो दिन में तीन और मरीजों को किसी निजी अस्पताल ले जाने का शक है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। देर रात मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। पिछले दिनों मेडिकल कालेज में मरीज बेचने का मामला सामने आया था।तीन मरीजों को यहां से निकालकर पैडलेगंज स्थित यीशू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान ही एक मरीज की मृत्यु हो गई थी, फिर भी उसका इलाज किया जा रहा था। उस मामले में केस दर्ज कर अभी छानबीन चल ही रही है। इसी बीच पता लगा कि पिछले दो दिन में फिर तीन मरीज अपने बेड से लापता हो गए हैं।चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएन शुक्ला ने बताया कि इसके बाद कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया। मरीजों का सौदा करने वालों को पकड़ने के लिए योजना बनाई गई। एक महिला कर्मचारी को ही मरीज बनाकर जाल बुना गया। लापता मरीजों के उपलब्ध पर्चाें की जांच की गई तो एक मोबाइल नंबर मिला, जिस पर बात की गई तो पता चला कि मरीज को मेडिकल कॉलेज के नजदीक ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।कर्मचारियों ने तीमारदार बनकर उस नंबर पर बात की। कहा कि किसी निजी नर्सिंग होम में अपने मरीज को ले जाना चाहते हैं। इसके बाद दूसरे नंबर से कॉल आई और कहा गया कि मेडिकल कॉलेज में सख्ती बढ़ गई है, इसलिए मरीज को वहां से निकालकर गेट तक ले आइए।डॉक्टर को बता दीजिए कि मैं अपनी मर्जी से रोगी को ले जाना चाहता हूं। आपका हिस्सा मिल जाएगा। इसके कुछ देर बाद ही दलाल कार से मेडिकल कालेज पहुंच गए। कर्मचारियों ने दाई को स्ट्रेचर पर लिटाकर दलालों के पास पहुंचाया। वहां से वे कार में बैठाकर जैसे ही वापस लौटे, तब तक गेट पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया।कर्मचारियों ने बताया कि जब वे लोग महिला कर्मी को गाड़ी में बैठा रहे थे वहां तीन लोग मौजूद थे, जिसमें से एक को पुलिस ने छोड़ दिया। वहीं, पुलिस चौकी के सिपाहियों का कहना था कि तीसरा सहजनवां का मरीज था जो इलाज कराने आया था।संदेह के आधार पर पकड़े गए दोनों लोग उससे बात कर रहे थे। मरीज के पास पर्चा व दवाएं आदि थी, इसलिए पूछताछ के बाद उसे छोड़ा गया। इसके अलावा चर्चा है कि कैंट थाना क्षेत्र के दाउदपुर के एक अस्पताल संचालक ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनके यहां भी दलाल घूम रहे हैं। रोगियों को गुमराह कर अन्यत्र ले जा रहे हैं। इस पर पुलिस ने मंगलवार को अस्पताल के सामने से संदेह के आधार पर एक व्यक्ति को पकड़ा और पूछताछ कर छोड़ा गया।मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीएन शुक्ला ने बताया कि अस्पताल आए मरीजों को बहला फुसलाकर निजी अस्पताल ले जाने की शिकायत पर कर्मचारियों की मदद से दो लोगों को पकड़ा गया है। उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया है। अस्पताल प्रशासन जांच में पुलिस का हर संभव सहयोग कर रहा है। मेडिकल कॉलेज में दलालों का नेटवर्क तोड़ने के लिए अब सभी कर्मचारी भी सक्रिय हो गए हैं।एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कालेज से दो लोगों को मरीज माफिया होने की आशंका में पकड़ा गया है। बताया गया है कि वे अस्पताल में भर्ती मरीज को किसी निजी अस्पताल ले जाने का प्रयास कर रहे थे। अभी जांच चल रही है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।22 अगस्त 2023: पुलिस ने चालक समेत एक एंबुलेंस को पकड़ा। एंबुलेंस सीज किया गया और चालक से 20 हजार मुचलका भराया गया।03 अगस्त 2023: एक एंबुलेंस समेत चार वाहनों को मरीज के खरीद फरोख्त के आरोप में पकड़ा गया, उसे सीज किया गया।06 अगस्त 2023: इमरजेंसी के पास से पुलिस ने एक एंबुलेंस को सीज किया, मुचलका वसूला गया।07 अगस्त 2023: मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी से पुलिस ने एक एंबुलेंस को सीज किया। चालक से 20 हजार मुचलका भराया गया।21 मई 2023: पुलिस ने दो एंबुलेंस को इमरजेंसी गेट से पकड़ा और उसे सीज किया गया।09 जुलाई 2023: एंबुलेंस को सीज करने पर एंबुलेंस मरीज माफिया ने पुलिस पर हमला किया, पुलिस ने एंबुलेंस को सीज कर चार को जेल भेजा।