वाराणसी। जापान की तर्ज पर वाराणसी में एक एक्सीलेंस सेंटर खोला जाएगा। इसके जरिये विद्यार्थियों को कूड़ा उठान से लेकर कूड़ा निस्तारण तक के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें सफाई के फायदे बताए जाएंगे। यह जानकारी जापान से प्रशिक्षण लेकर लौटे नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने दी।नगर आयुक्त ने बताया कि सफाई पर फोकस करने के लिए एक्सीलेंस सेंटर खोलने की तैयारी है। इसमें कूड़े के उठान से लेकर निस्तारण तक व्यवस्था रहेगी। विद्यार्थियों को दिखाने का मकसद यह होगा कि उनमें सफाई का भाव पैदा हो। उन्होंने बताया कि जापान में कूड़ा रखने के लिए 40 रुपये की एक पीले रंग की थैली दी जाती है। इसमें लोग अपने घरों का कूड़ा रखते हैं।सप्ताह में दो बार गाड़ी आती है और थैली में रखे कूड़े को उठाकर ले जाती है। इसी प्रकार यहां पर भी थैली देने की योजना बनाई जाएगी। शहर में एक सेंटर होगा, जहां नगर निगम की थैली बिकेगी। कुछ रुपये देकर प्लास्टिक खरीदकर लोग उसी में कूड़ा रखेंगे।इस दौरान यूजर चार्जेज की भी वसूली हो जाएगी। ताकि डोर टू डोर कूड़ा उठान को बढ़ावा दिया जा सके। जापान में कूड़े को ऐसी तकनीक से जलाया जाता है कि खतरनाक गैस खत्म हो जाती है और केवल भाप चिमनियों से निकलता है। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता है। कूड़ा जलाने से पैदा होने वाली एनर्जी का इस्तेमाल उपकरणों को चलाने में किया जाता है। केवल सफाई पर जापान का क्योटो शहर हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च करता है।नाला सफाई के ट्रायल के लिए खरीदी जाएगी मशी गर आयुक्त ने कहा कि नाला सफाई के ट्रायल के लिए दो मशीनें खरीदी जाएंगी। बेहतर परिणाम मिलने पर हर जोन के लिए मशीनें खरीदी जाएंगी। गाजियाबाद में मशीनों से ही नालों की सफाई होती है। यहां पर भी नाला सफाई मशीनों से कराई जाएगी।